0 आईएएफ चीफ वीआर चौधरी बोले-हमें विदेशी मदद पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि इंडियन आर्म्ड फोर्स दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। युद्ध की अनगिनत चुनौतियों का सामना करने के लिए बदलते समय के साथ इंडियन आर्म्ड फोर्स में भी बदलाव आया है।
वीआर चौधरी ने यह बात रविवार (14 जनवरी) को दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित 8वें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम में कही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के नेतृत्व और दूरदर्शिता ने ही आज की आर्म्ड फोर्स की नींव रखी थी। आज का दिन उन सभी पूर्व सैनिकों याद करने का भी दिन है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं। इस कार्यक्रम में नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार के साथ-साथ तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी और रिटायर्ड सैनिक अपने परिवार के सदस्यों के साथ शामिल हुए।
इंडियन एयरफोर्स ने तैयार किए 60 हजार मेक इन इंडिया कंपोनेंट
शनिवार (13 जनवरी) को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा था कि बीते दो-तीन सालों में इंडियन एयरफोर्स ने 60 हजार से अधिक मेक इन इंडिया कंपोनेंट तैयार किए हैं। हमारी एयरफोर्स को अब रिपेयरिंग और रखरखाव के लिए विदेशों से आने वाले ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स के भरोसे रहने की जरूरत नहीं है।
एंटोनोव एएन-32 का मलबा मिलने पर क्या बोले एयर चीफ मार्शल
शुक्रवार (12 जनवरी) को रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि 22 जुलाई 2016 को गायब हुए एयरफोर्स के एंटोनोव एएन-32 विमान का मलबा बंगाल की खाड़ी में मिला है। मंत्रालय ने बताया था कि बीते दिनों समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान ने रिमोट कंट्रोल से चलने वाले अंडरवाटर व्हीकल को बंगाल की खाड़ी में जांच के लिए उतारा था।एंटोनोव एएन-32 विमान का मलबा मिलने पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि दुर्भाग्य से इसका पता लगाने में हमें इतना समय लग गया, लेकिन हमें समुद्र में खोज करने की तकनीक मिल गई है। अब हम समुद्र तल में ऐसी चीजों का पता लगाएंगे। एयर चीफ मार्शल ने इसके लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है।
8 अक्टूबर 1932 को हुई थी भारतीय वायुसेना की स्थापना
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में ब्रिटिश शासन काल में की गई थी, तब इसे 'रॉयल इंडियन एयर फोर्स' कहा जाता था। आजादी के बाद रॉयल शब्द को हटा दिया गया और 'इंडियन एयर फोर्स' नाम इस्तेमाल किया जाने लगा। प्रोफेशनल स्टैंडर्ड के साथ इंडियन एयरफोर्स को दुनिया की बेहतर एयरफोर्स के तौर पर जाना जाता है।