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0 विधायक अजय चंद्राकर व लता उसेंडी ने सदन में उठाया मुद्दा

रायपुर। विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस सरकार में गोबर खरीदी और पैरा परिवहन में अनियमितता का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर व लता उसेंडी ने इसमें भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने वर्ष 2020-23 तक प्रदेश में गोधन न्याय योजना में हुई गोबर खरीदी और पैरा परिवहन में अनियमितता की विधानसभा की समिति से जांच कराने की घोषणा की।

प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि गोबर खरीदी और पैरा खरीदी की दर और दर तय करने की प्रक्रिया जाननी चाही। इस पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम की गैरमौजूदगी में संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि गोबर खरीदी और पैरा परिवहन 14-15वें वित्त आयोग और गो धन न्याय योजना मद से की गई। पैरा खरीदा नहीं दान में मिला था। इस पर श्री चंद्राकर ने पूछा कि दान में मिले पैरे के परिवहन में कितनी राशि खर्च की गई। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि परिवहन खर्च का प्रावधान योजना में शामिल था। इस पर चंद्राकर ने वर्षवार परिवहन व्यय पूछने पर मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2020-21 व 2022-23 में कुल 53.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इस पर अजय चंद्राकर ने पूछा कि ये 53 करोड़ किस मद में से दिए गए। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि 14-15वें वित्त आयोग से दिए गए। यह राशि हर गोठान को प्रबंधन के लिए 30-24 हजार रुपए के मान से दिए गए थे। उसी में से परिवहन के लिए खर्च किए गए। इस पर चंद्राकर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वित्त आयोग की राशि को गौठान समिति को नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने पूछा कि किसी एक जिले की एक पंचायत का नाम बताइए कि जिसे गोधन न्याय योजना मद से राशि दी गई है। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि एक नहीं सभी जिलों को भुगतान किया गया है।

इस अजय चंद्राकर ने कहा कि उत्तर के परिशिष्ट में तो तीन जिले बताए हैं। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि वित्त आयोग में रखरखाव या एक मद होता है और एक आबद्ध मद की 10 फीसदी राशि से भुगतान किया गया। इस पर अजय चंद्राकर ने फिर प्रश्न किया कि पैरा परिवहन वित्त आयोग मद से नहीं किया जा सकता है। केवल पंचायत की संपत्ति का रखरखाव किया जा सकता है। दिसंबर सत्र में सेस की राशि से पैरा परिवहन किया बताया गया था। इस मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि गोधन न्याय योजना पैरा परिवहन किया जा सकता है। उसी मद से 53 करोड़ दिए गए। इस पर अजय चंद्राकर ने मंत्री के उत्तर को गलत बताया तो स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संतुष्ट नहीं है तो चर्चा के दूसरे विकल्प भी है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि चार दिन की सत्रावधि शेष है। आप स्वीकार करें तो आधे घंटे की चर्चा करा लें। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि गोधन न्याय योजना के पैसे से ट्रेक्टर, अन्य छोटी गाड़ियों से परिवहन हुआ है। इन्हें 285-1000 रुपए तक परिवहन व्यय दिया गया। इस पर चंद्राकर ने कहा कि पैरा ढुलाई को उत्तर से छिपाया गया है। जांच कराएंगे क्या, विधायकों या अन्य समिति से, 45 लाख टन पैरा की ढुलाई हुई है। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि निश्चित रूप से यदि श्री चंद्राकर को भ्रष्टाचार लग रहा है तो वरिष्ठ अधिकारियों की समिति से जांच कराने की घोषणा करता हूं। इस पर अजय चंद्राकर ने असहमति जताते हुए कहा कि यह सब अधिकारियों का ही किया धरा है। भले आज इन अधिकारियों का विभाग बदल गया हो। इस पर मंत्री श्री अग्रवाल ने प्रश्न संदर्भ समिति से जांच कराने की घोषणा की। 

इसी तरह कोंडागांव विधायक लता उसेंडी ने भी गोबर खरीदी के भुगतान में गड़बड़ी का मामला उठाते हुए कहा कि जिसके पास मवेशी कम हैं उन्हें ज्यादा भुगतान किया गया है, तो कहीं गोबर कम खरीदा गया और भुगतान ज्यादा किया गया है। गोबर खरीदी में गड़बड़ी हुई है। क्या जांच कराएंगे? इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जारी की गई राशि की जानकारी दी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आसंदी से कहा कि चारा कम खाए हैं। गोबर ज्यादा कैसे दिए? किस नस्ल की गाय और भैंस है इसकी जांच करानी होगी। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रश्न संदर्भ समिति इसकी भी जांच करेगी। जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने सहमति दे दी।