0 हमले के 26 सेकेंड भीतर मारा गया
वाशिंगटन। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर गोली लगने से 1 घंटे पहले ही सीक्रेट सर्विस को हमलावर संदिग्ध लगा था। बीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सांसदों को जांच कर रही एजेंसियों ने इसकी जानकारी दी है। बंद दरवाजों के पीछे हुई ब्रीफिंग्स में बताया गया है कि भीड़ में संदिग्ध लगने के बाद वह हमलावर खो गया था।
अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज के मुताबिक, सीक्रेट सर्विस को हमलावर मैथ्यू रेंजफाइंडर और बैक-पैक के साथ दिखा था। रेंजफाइंडर दूरी मापने का एक यंत्र होता है। मैथ्यू ने ट्रम्प पर हमला करने से पहले घटना स्थल की जगह का दौरा किया था। इसके लिए उसने फोन पर हमले को कैसे अंजाम दिया जाए देखा था। उसने इस फोन का इस्तेमाल उसने रैली में ट्रम्प को ढूढ़ने में किया था।
एजेंसी ने 14 हजार फोटो की जांच की
अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के निदेशक क्रिस रे ने बताया कि उन्होंने अपनी जांच के दौरान 200 से ज्यादा लोगों की बातचीत और 14 हजार से ज्यादा फोटो की समीक्षा की। लेकिन रिपब्लिकन सांसदों का कहना है कि मामले की जांच ठीक से नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब एजेंसी को शक था तो उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। उसको रैली में आने कैसे दिया। इस पर एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने रेंजफाइंडर से बंदूकधारी की तस्वीर ली और तुरंत कमांड पोस्ट पर रेडियो के माध्यम से इस घटना की सूचना दी। उन्होंने बताया कि हमले से 20 मिनट पहले उन्हें हमलावर दिखा था। उन्होंने बताया कि मैथ्यू के गोली चलाने के 26 सेकेंड बाद ही उसे मार गिराया था। अब मामले में सर्विस एजेंसी के स्पेशल ऑफिसर चीटल को पिछले हफ्ते रिपब्लिकन सांसदों के सवालों का जवाब देना होगा।