बंदर सेरी बेगावान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्रुनेई में भारतीय उच्चायोग के नये चांसरी परिसर का उद्घाटन किया। श्री मोदी ने इस अवसर पर दीप प्रज्वलित किया और एक पट्टिका का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन समारोह में मौजूद भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत की। उन्होंने दोनों देशों के बीच एक जीवंत पुल और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के रूप में उनके योगदान की सराहना की।
ब्रुनेई में भारतीयों के आगमन का पहला चरण 1920 के दशक में तेल की खोज के साथ शुरू हुआ। वर्तमान में ब्रुनेई में लगभग 14 हजार भारतीय रहते हैं। ब्रुनेई के स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्रों की वृद्धि और विकास में भारतीय डॉक्टरों और शिक्षकों के योगदान को अच्छी तरह से स्वीकार किया गया है। चांसरी परिसर भारतीयता की गहरी भावना का प्रतीक है, जो पारंपरिक रूपांकनों और हरे-भरे वृक्षारोपण को कुशलता से एकीकृत करता है। सुरुचिपूर्ण क्लैडिंग और टिकाऊ कोटा पत्थरों का उपयोग इसकी सौंदर्य अपील को और बढ़ाता है, जो क्लासिक और समकालीन तत्वों को सामंजस्यपूर्ण रूप से मिश्रित करता है। यह डिज़ाइन न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित है बल्कि एक शांत और आकर्षक माहौल भी बनाता है।
नरेन्द्र मोदी का ब्रुनेई पहुंचने पर भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रुनेई और सिंगापुर की तीन दिन की अपनी यात्रा के पहले चरण में मंगलवार को यहां पहुंचे। उनके ब्रुनेई दारुस्सलाम पहुंचने पर ब्रुनेई के युवराज हाजी अल मोहतादी बिलाह ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। बंदर सेरी बेगवान हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के स्वागत में युवराज बिलाह के अलावा, सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने वहां सम्मान गारद का निरीक्षण भी किया।
श्री मोदी ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जबकि दोनों देश अपने राजनयिक संंबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
भारत के अधिकारियों ने कहा है कि श्री मोदी की पूर्व के देशों के साथ काम करने की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में ब्रुनेई का एक महत्वपूर्ण स्थान है। दोनों देशों के संबंध, परस्पर मित्रतापूर्ण हैं और दोनों देश द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर दोनों एक-दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे के विचारों को समझते हैं।
दोनों देशों के ऐतिहासिक सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध सदियों पुराने हैं।
श्री मोदी बुधवार को ब्रुनेई से सिंगापुर जायेंगे।