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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय इस्तीफे का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने 'भगत सिंह की जेल डायरी' किताब भी दिखाई। 2 दिन पहले (13 सितंबर) जमानत पर जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वे 2 दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। केजरीवाल आम आदमी पार्टी के दफ्तर में यह ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। दो-तीन दिन में विधायकों की बैठक में नया सीएम चुना जाएगा। चुनाव तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मनीष सिसोदिया भी कोई पद नहीं लेंगे, उनका भी यही सोचना है।
उन्होंने कहा कि आज मैं आपके बीच में आया हूं, जनता की अदालत में आया हूं, आपसे पूछने आया हूं कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनाहगार मानते हो। मैं दिल्ली औऱ देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि केजरीवाल ईमानदार है या गुनाहगार है। मैं दो दिन के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं।
उन्होंने कहा मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे। मैं जनता के बीच में जाऊंगा, गली-गली में जाऊंगा, घर-घर में जाऊंगा, जब तक जनता अपना फैसला न सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है, मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
उन्होंने कहा भाजपा को लग रहा था कि उन्हें जेल भेजकर हमारी पार्टी तोड़ देंगे। हमारे विधायकों को तोड़कर दिल्ली और पंजाब में सरकार गिरा देंगे। इनकी साज़िशों के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी लड़ रही है। इन्हें लगा कि ये मेरे हौसले तोड़ देंगे, लेकिन इन्होंने मेरे हौसले को और बढ़ा दिया है।

केजरीवाल के दो दिन में इस्तीफा देने के सवाल पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि आज रविवार है, सोमवार को ईद की छुट्‌टी है। वर्किंग डे 17 सितंबर को है। इस वजह से अरविंद ने 2 दिन का समय लिया है।
बता दें कि 17 सितंबर को ही प्रधानमंत्री मोदी का 74वां जन्मदिन है। वे इस दिन कुछ घंटे गुजरात में रहेंगे फिर ओडिशा जाएंगे।

केजरीवाल के इस्तीफे के मायने
1. सीएम लेकिन पावर नहीं
दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो सीएम ऑफिस नहीं जाएंगे और ना ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।

2. 5 महीने का कार्यकाल बचा
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोकलुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सिंपथी है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इस सिंपथी को भुनाना चाहेंगे।

3. भाजपा ने इस्तीफा मांगा था, उसका भी जवाब दे सकेंगे
दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने अब इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। अब वे भाजपा नेताओं के हर हमले का जवाब सकेंगे कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया।

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