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0 ग्वालियर से भरी थी उड़ान, जमीन पर गिरते ही आग लगी 
आगरा। आगरा में सोमवार को एयरफोर्स का मिग-29 एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। पलक झपकते ही आग का गोला बना विमान खेत में जा गिरा। हादसा शाम करीब 4 बजे हुआ। जमीन पर एयरक्राफ्ट गिरने के साथ ही विस्फोट भी होने लगे।

हादसे के वक्त एयरक्राफ्ट में 2 पायलट थे। दोनों आग लगने से चंद सेकंड पहले ही पैराशूट की मदद से (इजेक्ट सिस्टम) विमान से कूदकर बाहर निकल आए।

विमान कागारौल के सोंगा गांव के पास खाली खेत में गिरा। एयरफोर्स ने हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वारी के आदेश दिए हैं। पंजाब के इस फाइटर प्लेन ने ग्वालियर से उड़ान भरी थी। रूटीन एक्सरसाइज के लिए आगरा आ रहा था।

ग्रामीणों ने हादसे के तुरंत बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाया। एयरफोर्स के अफसर, डीएम और पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंचे। जहां विमान गिरा है, वहां आसपास के गांव वाले इकट्ठा हैं।

ग्रामीण बोला- पेड़ पर लटके थे पायलट
हादसे के बाद गांव में रहने वाले शुभम ने बताया कि विमान को हम लोगों ने फतेहपुर की तरफ से उड़कर आता हुआ देखा। हवा में कलाबाजी खा रहा था। धुआं निकल रहा था। आबादी से धीरे-धीरे ये विमान खेतों की तरफ आ गया। हम लोग दौड़कर इस तरफ आए। पायलट पैराशूट से बाहर आ चुके थे। वह पेड़ों के ऊपर लटके हुए थे। किसी की जान नहीं गई है। बस खेत की फसल का नुकसान हुआ है।

क्या होता है फाइटर जेट में पायलट का इजेक्ट सिस्टम
फाइटर प्लेन में एक इजेक्ट सिस्टम होता है। इमरजेंसी में पायलट इस इजेक्ट सिस्टम का यूज करके विमान से बाहर आता है। इसमें पायलट की सीट के नीचे एक पावर सिस्टम होता है, जिसे रॉकेट पावर सिस्टम कहा जाता है। विमान में तकनीकी खामी या क्रैश की आशंका होने पर पायलट इसे एक्टिवेट कर देता है। इसे एक्टिवेट करते ही प्लेन का एक छोटा हिस्सा खुल जाता है। पायलट सीट समेत विमान से बाहर आ जाता है। इस दौरान पायलट करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर होता है। इस ऊंचाई पर ऑक्सीजन की समस्या अधिक होती है। इसलिए सीट से जुड़ा एक छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर भी होता है।। इसके बाद पायलट पैराशूट के सहारे नीचे आता है।

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