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0 रेफरी के विवादित फैसले पर भड़के लोग, पुलिस स्टेशन जलाया

कोनाक्री। गिनी के दूसरे सबसे बड़े शहर जेरेकोर में रविवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक रविवार को लाबे और जेरेकोर फुटबॉल टीमों के बीच मैच चल रहा था। इस दौरान मैच रेफरी ने एक विवादित फैसला सुनाया, जिससे दोनों टीमों में लड़ाई होने लगी। झगड़ा होता को देख दर्शक भी मैदान में घुस गए और हिंसा शुरू कर दी।

रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने एन'जेरेकोर के एक पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। स्थानीय अस्पताल के एक डॉक्टर ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अस्पताल में जहां तक ​​नजर जाती है, शव कतारों में पड़े हैं। बाकी लोग गलियारे में फर्श पर पड़े हैं। मुर्दाघर भरा हुआ है। यह मैच गिनी सेना के आर्मी जनरल मामाडी डौम्बौया के सम्मान में हो रहा था। ​​​​​डोम्बौया ने साल 2021 में गिनी में तख्तापलट करके सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

खुद को आर्मी जनरल घोषित किया
डोम्बौया ने सितंबर 2021 में राष्ट्रपति अल्फा कोंडे की सरकार को गिरा दिया था और खुद सत्ता पर काबिज हो गए थे। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण उन्होंने कहा था कि 2024 के अंत तक वे चुनाव कराएंगे, लेकिन अब तक चुनाव के आसार नहीं दिख रहे हैं। ​​​​​​डोम्बौया ने जनवरी 2024 में खुद को कर्नल से लेफ्टिनेट जनरल के पद पर प्रमोट कर लिया था। पिछले महीने उन्होंने खुद को गिनी का आर्मी जनरल घोषित कर दिया। डोम्बौया के कार्यकाल के दौरान विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। जानकारों के मुताबिक डोम्बौया अगले साल चुनाव करा सकते हैं। डोम्बौया भी चुनाव में उतर सकते हैं। इसलिए वे अपनी पॉपुलैरिटी बढ़ाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्से में फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित करा रहे हैं।

दो साल पहले इंडोनेशिया में भी हुआ था हादसा
साल 2022 में इंडोनेशिया में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। तब एक फुटबॉल मैच के दौरान भगदड़ मचने से 174 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में 2 पुलिसकर्मियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। मैच के दौरान एक टीम के हारने के बाद उसके फैंस मैदान में घुस गए थे। इस भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे। मैच अरेमा फुटबॉल क्लब और पर्सेबाया सुरबाया के बीच था। मैच के दौरान करीब 42 हजार दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे। ये सभी दर्शक अरेमा फुटबॉल क्लब के फैंस थे। आयोजकों ने पर्सेबाया सुरबाया के फैंस के आने पर रोक लगाई थी, क्योंकि वे किसी भी तरह के उपद्रव से बचना चाहते थे।