0 सीजेआई को पैनल से हटाने पर कांग्रेस ने याचिका लगाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्त (ईसी) की नियुक्ति से जुड़े मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। मामले की सुनवाई 6 जनवरी से शुरू होगी और इसके लिए नए बेंच का गठन किया जाएगा।
2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति तीन सदस्यीय पैनल की तरफ से की जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने यह फैसला सुनाया था। इसमें सीजेआई संजीव खन्ना भी शामिल थे, तब वे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस थे। हालांकि, 21 दिसंबर 2023 को सरकार ने एक नया विधेयक पारित किया, जिसमें चीफ जस्टिस को पैनल से हटा दिया गया और उनकी जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया। इसे प्रधानमंत्री चुनेंगे। केंद्र सरकार के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर ने याचिका दायर की है। इस विवाद के बावजूद केंद्र ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था।
क्या है पूरा मामला
2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, जिसमें कहा गया कि सिलेक्शन पैनल में सीजेआई को शामिल करना जरूरी है। सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति एक पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई भी शामिल होंगे। इससे पहले सिर्फ केंद्र सरकार इनका चयन करती थी। यह कमेटी सीईसी और ईसी के नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करेगी। इसके बाद राष्ट्रपति मुहर लगाएंगे। तब जाकर उनकी नियुक्ति हो पाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह प्रोसेस तब तक लागू रहेगा, जब तक संसद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर कोई कानून नहीं बना लेती।
21 दिसंबर 2023: संसद के दोनों सदनों में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा नया बिल पास
केंद्र सरकार सीईसी और ईसी की नियुक्ति, सेवा, शर्तें और अवधि से जुड़ा नया बिल लेकर आई। इसके तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति तीन सदस्यों का पैनल करेगा। इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। पैनल से सीजेआई को बाहर रखा गया था। 21 दिसंबर 2023 को शीतकालीन सत्र के दौरान यह बिल दोनों सदनों में पास हो गया।
नए कानून पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई थी
विपक्षी दलों का कहना था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश के खिलाफ बिल लाकर उसे कमजोर कर रही है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में एक आदेश में कहा था कि सीईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और विपक्ष के नेता की सलाह पर राष्ट्रपति करें।