Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 बुलेट की स्पीड से तेज दो-स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में जोड़ेगा इसरो
श्रीहरिकोटा। इसरो ने आज 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से रात 10 बजे स्पेडेक्स (SpaDeX) यानी, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट मिशन लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी60  रॉकेट से दो स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी से 470 किमी ऊपर डिप्लॉय किया गया।

अब 7 जनवरी 2025 को इस मिशन में अंतरिक्ष में बुलेट की स्पीड से दस गुना ज्यादा तेजी से ट्रैवल कर रहे इन दो स्पेसक्राफ्ट्स को कनेक्ट किया जाएगा। मिशन सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। मिशन की कामयाबी पर ही भारत का चंद्रयान-4 मिशन निर्भर है, जिसमें चंद्रमा की मिट्टी के सैंपल पृथ्वी पर लाए जाएंगे। चंद्रयान-4 मिशन को 2028 में लॉन्च किया जा सकता है।

डॉकिंग और अनडॉकिंग टेक्नोलॉजी दुनिया को दिखाना
0 पृथ्वी की निचली कक्षा में दो छोटे स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग और अनडॉकिंग की टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेट करना। 
0 डॉक किए गए दो स्पेसक्राफ्ट्स के बीच इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसफर करने की टेक्नोलॉजी को डेमोंस्ट्रेट करना
0 स्पेस डॉकिंग का मतलब है स्पेस में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ना या कनेक्ट करना।

क्या है स्पेडेक्स मिशन प्रोसेस 
मिशन में दो छोटे स्पेसक्राफ्ट टारगेट और चेजर शामिल है। इन्हें पीएसएलवी-सी60  रॉकेट से 470 किमी की ऊंचाई पर अलग कक्षाओं में लॉन्च किया जाएगा। डिप्लॉयमेंट के बाद, स्पेसक्राफ्ट्स की रफ्तार करीब 28,800 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। ये रफ्तार कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट की रफ्तार से 36 गुना और बुलेट की स्पीड से 10 गुना ज्यादा है। अब टारगेट और चेजर स्पेसक्राफ्ट फार-रेंज रेंडेजवस फेज शुरू करेंगे। इस फेज में, दोनों स्पेसक्राफ्ट्स के बीच सीधा कम्युनिकेशन लिंक नहीं होगा। इन्हें जमीन से गाइड किया जाएगा। स्पेसक्राफ्ट करीब आते जाएंगे। 5 किमी से 0.25 किमी के बीच की दूरी तय करते समय लेजर रेंज फाइंडर का उपयोग करेगा। 300 मीटर से 1 मीटर की रेंज के लिए डॉकिंग कैमरे का इस्तेमाल होगा। वहीं 1 मीटर से 0 मीटर तक की दूरी पर विजुअल कैमरा उपयोग में आएगा।

सक्सेसफुल डॉकिंग के बाद, दोनों स्पेसक्राफ्ट के बीच इलेक्ट्रिकल पावर ट्रांसफर को डेमोंस्ट्रेट किया जाएगा। फिर स्पेसक्राफ्ट्स की अनडॉकिंग होगी और ये दोनों अपने-अपने पेलोड के ऑपरेशन को शुरू करेंगे। करीब दो साल तक ये इससे वैल्यूएबल डेटा मिलता रहेगा।

tranding
tranding