0 कवासी बोले-कब तक जेल में रखेंगे
0 हम रहेंगे लेकिन जनता की आवाज उठाएंगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में कवासी लखमा को 4 फरवरी तक जेल भेज दिया गया है। इससे पहले 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें 7 दिन की ईडी रिमांड में भेजा गया था।
21 जनवरी को रिमांड खत्म होने के बाद ईडी ने कोर्ट में पेश किया। इसके बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल भेजा गया। मीडिया से लखमा ने कहा कि, कब तक जेल में रखेंगें, 2 साल, 10 साल रहेंगे लेकिन जनता की लड़ाई लडेंगे। लखमा ने फैसले के बाद क्या कहा-सरकार ने बहुत परेशान किया है। सरकार आदिवासियों की आवाज को बंद कर रही है। नगरनार को बेचने जा रहे हैं, अबूझमाड़ में सेना बैठा रहे हैं। इसकी आवाज उठाने पर डबल इंजन की सरकार जेल में डाल रही है। जो हो रहा है वो गलत हो रहा है। करोड़ों रुपए मिलने की बात झूठी है। मेरे घर में एक रुपए, फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। 6-6 बार चुनाव जीता हूं। विधानसभा में मैंने सवाल उठाए, घर पहुंचने से पहले ही ईडी आ गई। ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने क्या कहा कि पिछले 7 दिनों की पूछताछ में पूर्व मंत्री कवासी लखमा का सहयोग नहीं रहा है। हमने 14 दिनों की न्यायिक रिमांड मांगी है।
ईडी का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे
ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी।वही शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। वही ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
कमिशन के पैसे से बेटे का घर बना, कांग्रेस भवन निर्माण भी
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।