0 मौनी अमावस्या के स्नान को लेकर आधी रात मची होड़
0 मरने वालों में यूपी के 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के 1-1 श्रद्धालु शामिल
0 मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान
प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान को लेकर संगम तट मंगलवार और बुधवार की आधी रात को हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में 60 लोगों के घायल होने की खबर है। हादसे के 17 घंटे बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे।
शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्णा ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा कि भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 60 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है, जिनकी शिनाख्त हुई है। उन्होंने कहा कि घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर चढ़ गए। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा।
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि जो श्रद्धालु महाकुंभ में आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
मोदी, योगी ने संवेदना जताई
घटना के बाद पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि
मैं उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हूं। करोड़ों श्रद्धालु आज वहां पहुंचे हैं, कुछ समय के लिए स्नान की प्रक्रिया में रुकावट आई थी, लेकिन अब कई घंटों से सुचारू रूप से लोग स्नान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।
राहुल बोले- इंतजाम नाकाफी
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
भगदड़ की 2 संभावित वजह
0 अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
0 संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।