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रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापेमारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को भाजपा पर हमला बोला। भूपेश बघेल ने मीडिया को संबोधित करते हुए ईडी की कार्रवाई पर कहा कि "यह संयोग है या प्रयोग, आप लोग तय कीजिए। कवासी लखमा ने जब उपमुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल पूछा, तो उनके खिलाफ ईडी की टीम पहुंच गई। मैंने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से सवाल पूछा, तो चार दिन भी नहीं लगे कि ईडी पहुंच गई। मतलब हम सवाल नहीं कर सकते। यह सरकार डराना चाहती है। 
श्री बघेल ने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई "हमें रोकने, प्रताड़ित करने और दबाव डालने" के लिए है। उन्होंने कहा कि झारखंड चुनाव समाप्त होने के बाद 2020 में पहली बार छापा पड़ा था। इसके बाद जब-जब वह दूसरे राज्य के चुनाव में गए, तब-तब छापे पड़े। श्री बघेल ने कहा कि महादेव बेटिंग ऐप घोटाला मामले में अब तक कोई उनके खिलाफ सबूत नहीं ला पाया। सीडी केस में उनका नाम फंसाया गया, लेकिन अदालत ने क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ मुझे फंसाने का काम कर रहे हैं। बदनाम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर पर ईडी को 33 लाख रुपये मिले थे, जिसमें 30 लाख रुपये एजेंसी अपने साथ ले गई और बाकी तीन लाख रुपये छोड़ गई। 
उल्लेखनीय है कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। ईडी के जाने के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, "ईडी घर से चली गई है। मेरे घर में उनको तीन चीजें मिली हैं। मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत की पेन ड्राइव; डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागज; पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, 'कैश इन हैंड' मिलाकर लगभग 33 लाख रुपये, जिनका हिसाब उनको दिया जाएगा। मुख्य बात यह है कि ईडी के अधिकारी कोई ईसीआईआर नंबर नहीं दे पाए हैं।