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0 भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- ये रिपोर्ट पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित
नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश में धार्मिक स्वतंत्रता और सीक्रेट एजेंसी रॉ पर बैन की मांग करने वाली अमेरिकी सरकार की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

भारत ने इसे पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यूएससीआईआरएफ लगातार अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से पेश करता है और भारत के विविधतापूर्ण समाज को कमजोर करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस आयोग को खुद को "चिंता का विषय संस्था" घोषित कर देना चाहिए।

भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग
यूएससीआईआरएफ ने अपनी 2025 की रिपोर्ट में कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति बिगड़ती जा रहा है और सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिश में कथित रूप से शामिल होने की वजह से सीक्रेट एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) पर बैन लगा दिया जाना चाहिए। रिपोर्ट में भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करना चाहिए।

रिपोर्ट का हकीकत से कोई नाता नहीं
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में 1.4 अरब लोग रहते हैं जो सभी धर्मों का पालन करते हैं। हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के बहुलवादी समाज के सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा। अमेरिका का यह संस्थान हकीकत से बहुत दूर है, हमें कोई उम्मीद भी नहीं है कि यह सच्चाई से जुड़ेगा। भारत की छवि कमजोर करने की ऐसी कोशिशें सफल नहीं होंगी।

यूएससीआईआरएफ अमेरिकी राष्ट्रपति को सलाह देता है
यूएससीआईआरएफ अमेरिका सरकार की एक फेडरल एजेंसी है। इसे 1998 में इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम एक्ट के तहत बनाया गया है। यह संस्थान दुनिया भर के देशों में धार्मिक आजादी से जुड़े मुद्दों पर नजर रखती है। इसके साथ ही राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और संसद को सिफारिशें देती है।

पहले भी भारत के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर चुका है
यह पहली बार नहीं है जब यूएससीआईआरएफ ने भारत के खिलाफ इस तरह की रिपोर्ट जारी की हो। इससे पहले 2024 में इसने भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया था। इसके अलावा भी बीते कई सालों में यह इस तरह की रिपोर्ट जारी कर चुका है।