
0 3 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू की कस्टडी में रहेंगे सभी
अधिकारी एक साथ बैठाकर कर रहे पूछताछ
रायपुर। छत्तीसगढ़ सीजीएमएससी घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू की रिमांड पर चल रहे 5 आरोपियों को शुक्रवार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान ईओडब्ल्यू के वकील ने पांचों आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग की। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के लिए कोर्ट ने सभी आरोपियों को 3 अप्रैल तक कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया है।
बता दें कि 22 मार्च को ईओडब्ल्यू ने वसंत कौशिक (महाप्रबंधक), डॉ. अनिल परसाई (डिप्टी डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट), शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनवार और दीपक बांधे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। और 28 मार्च तक पांचों आरोपी 7 दिनों के लिए ईओडब्ल्यू रिमांड पर सौंपा था। मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस रिमांड के दौरान ईओडब्ल्यू के अधिकारी पांचों आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। इन अफसरों पर आरोप है कि इन्होंने 8 रुपए का ट्यूब 2,352 में और 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी थी।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, सीजीएमएससी घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 411 करोड़ रुपए का कर्जदार बना दिया। आईएएस, आईएफएस समेत अफसरों ने मिलीभगत कर सिर्फ 27 दिनों में 750 करोड़ रुपए की खरीदी कर ली। इस केस में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा ईओडब्ल्यू की रिमांड पर हैं। सीजीएमएससी के अधिकारी, मोक्षित कॉर्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज और सीबी कॉर्पोरेशन ने 8 रुपए में मिलने वाला ईडीटीए ट्यूब 2,352 रुपए और 5 लाख वाली सीबीएस मशीन 17 लाख में खरीदी। मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट भी खरीदा।