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काठमांडू/ नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिम्सटेक क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और कृषि को सतत बनाने के प्रयासों की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि बिम्सटेक कृषि उत्कृष्टता केंद्र जलवायु जोखिम को कम करने, प्राकृतिक खेती, लैंगिक समानता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर ध्यान केंद्रित करेगा।
श्री चाैहान ने बुधवार को नेपाल में काठमांडू में बिम्सटेक कृषि मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लिए ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की प्रमुख विदेश नीति प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए बिम्सटेक एक स्वाभाविक विकल्प है। बिम्सटेक में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने की क्षमता है। क्षेत्र का साझा इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है जो इसे स्वाभाविक साझेदार बनाती है।
उन्होंने कहा कि भारत किसानों को नकद प्रत्यक्ष हस्तांतरण, संस्थागत ऋण तक पहुंच में सुधार, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, फसल बीमा, महिलाओं को ड्रोन प्रदान करने के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना जैसे उपाय लागू कर रहा है। भारत किसानों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत बिम्सटेक के भीतर कृषि सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। भारत ने बीज विकास, पशु स्वास्थ्य और कीट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन करके बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) की पहल की है। यह क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में क्षमता निर्माण को बढ़ाने की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने के लिए भारत ने 'भारत में कृषि सहयोग के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र' की स्थापना का प्रस्ताव रखा है। यह केंद्र कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में बिम्सटेक की विभिन्न प्रतिबद्धताओं को समयबद्ध तरीके से हल करने और उन्हें क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह केंद्र सटीक कृषि, जलवायु जोखिम को कम करने, प्राकृतिक खेती, लैंगिक समानता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, पोषण और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन, डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित उभरती प्रौद्योगिकियों पर ज्ञान और कौशल साझा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।
श्री चौहान ने तीसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत का नेतृत्व किया। इसमें भारत, बंगलादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे बिम्सटेक देशों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने भाग लिया।