Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 बैठक में पीसीसी चीफ बैज, कांग्रेस विधायक-नेता हुए शामिल 
 
रायपुर। आदिवासियों के हितों को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आदिवासी समुदाय से जुड़े नेताओं और विधायकों के साथ विशेष बैठक की, जिसमें छत्तीसगढ़ के पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व राजयसभा सांसद फूलोदेवी नेताम समेत कई आदिवासी नेता शामिल हुए। बैठक में जल, जंगल, जमीन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। वहीं विधायक जनकराम ध्रुव ने राहुल गांधी से सदन में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड देने की मांग रखने की बात रखी। साथ ही बस्तर और सरगुजा में आदिवासी लीडरशिप मजबूत करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने के लिए कहा।

कांग्रेस के आदिवासी नेताओं और विधायकों की एक घंटे तक बैठक चली। इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक अनिला भेड़िया, विधायक लखेश्वर बघेल, विधायक विद्यावती सिदार, विधायक जनक ध्रुव, विधायक अंबिका मरकाम समेत आदिवासी नेता शामिल रहे।

पेसा कानून का उल्लंघन, आदिवासियों के अधिकारों का हनन : विधायक ध्रुव
बैठक में विधायक ध्रुव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जंगलों की अंधाधुंध कटाई सरकार कर रही है, जिसमें पेशा कानून का खुले तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है। आदिवासियों के अधिकारों का छत्तीसगढ़ में हनन किया जा रहा है। वहीं बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में आदिवासी लीडरशिप को मज़बूत करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम देने की बात रखी। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में बस्तर और सरगुजा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था। चूंकि ये आदिवासी बाहुल इलाके है, जहां एक तरफ़ जंगलों की कटाई हो रही है, तो दूसरी ओर फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष आदिवासी मारे जा रहे है, इसलिए उनके मुद्दों को बेहतर तरिके से रखने और आगामी चुनाव के लिए लीडरशिप को मज़बूत करने की जरूरत है।

आदिवासियों के लिए मिल रहा फंड दूसरे कामों में हो रहा इस्तेमाल
जनक ध्रुव ने कहा कि राज्य सरकार को आदिवासियों के विकास के लिए केंद्र की ओर से जो फण्ड मिलता है, उसे अन्य कामों में उपयोग किया जा रहा है। यह साफ आदिवासियों पर अन्याय है। उन्होंने राहुल गांधी से अनुरोध किया कि वे इस बात को संसद में मजबूती से रखें। बैठक में इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीनने के जैसे कई विषयों पर चर्चा हुई।

भाजपा के “वनवासी” शब्द के प्रयोग पर विरोध
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के आदिवासी लीडरों ने बैठक में आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए अलग धर्म कोड बनाने की मांग रखी। बैठक में भाजपा द्वारा आदिवासियों को वनवासी कहे जाने का भी जमकर विरोध हुआ। बैठक में मौजूद नेताओं और विधायकों ने कहा कि आज भाजपा आदिवासी को वनवासी कह रही है। जिस प्रकार आदिवासी वर्ग के अधिकारों का हनन हो रहा है। जल्द ही उन्हें स्वर्गवासी भी कह दिया जाएगा।