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0 जल-संसाधन विभाग के अफसरों पर एक्शन
0 23 जुलाई तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे 

रायपुर। भारत माला प्रोजेक्ट मुआवजा घोटाला केस में ईओडब्ल्यू ने जल संसाधन विभाग के 2 अधिकारी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को बुधवार को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां सुनवाई के बाद रिमांड पर भेज दिया गया है। इस केस में अबतक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इस केस में जिनकी गिरफ्तारी हुई है, उनमें जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड अमीन गोपाल राम वर्मा, नरेन्द्र कुमार नायक, खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल शामिल है। गोपाल राम वर्मा, नरेन्द्र कुमार नायक को 23 जुलाई तक और बाकी चारों की 18 जुलाई तक रिमांड पर भेजा है। अब ईओडब्ल्यू सभी से पूछताछ करेगी।

जानकारी के मुताबिक आरोपी खेमराज कोसले पूर्व जिला पंचायत सदस्य और अभनपुर जनपद अध्यक्ष रह चुका है। आरोपी कुंदल बघेल 10 सालों तक नगर पंचायत अभनपुर के अध्यक्ष थे। आरोपी पुनुराम देशलहरे नायकबांधा का पूर्व सरपंच है। 
जांच में पाया गया कि जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों ने पूर्व में अधिग्रहित की गई भूमि के बारे में गलत रिपोर्ट प्रस्तुत किया था। 4 अन्य व्यक्तियों ने फरार चल रहे राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर खाता विभाजन (बटांकन) प्रकिया एवं अन्य राजस्व प्रक्रियाओं में फर्जीवाड़ा किया था और किसानों से उसकी एवज में भारी मात्रा में कमीशन लिया था। इस मामले में जांच जारी है। 

जानबूझकर फर्जी रिपोर्ट दी थी
जानकारी के अनुसार, जल साधन विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर फर्जी रिपोर्ट दी थी। बाकी आरोपियों ने फरार राजस्व कर्मियों के साथ मिलकर बटांकन, मुआवजा निर्धारण और प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर किसानों से मोटी रकम कमीशन के रूप में वसूली।

पहले 4 आरोपियों को किया था गिरफ्तार
इससे पहले, भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें उमा तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन और हरमीत खनूजा शामिल है। ईओडब्ल्यू के अधिकारी उनसे पैसे गबन मामले में पूछताछ कर रहे हैं।

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 546 किमी सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्सलेन सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमीनें अधिग्रहित की है। इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है।
भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम रायपुर तक बन रही कॉरिडोर में एसडीएम निर्भय साहू एवं अन्य राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमाफियों को कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिलवाया है। इससे सरकार को 600 करोड़ की हानि हुई है। मामला संज्ञान में आने पर मार्च में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू एवं दो तहसीलदार और तीन पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के समय निर्भय कुमार साहू जगदलपुर नगर निगम आयुक्त थे। सरकार ने घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपा है।ईओडब्ल्यू आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है। भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी को लेकर आरोपी निर्भय कुमार साहू एसडीएम, शशिकांत कुर्रे तहसीलदार, लखेश्वर किरण नायब तहसीलदार, जितेंद्र साहू, बसंती धृतलहरें, लेखराम देवांगन तीनों पटवारियों के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो में अपराध दर्ज किया गया है। सभी आरोपी फरार चल रहे हैं। इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इस घोटाले में शामिल 6 आरोपियों को ईओडब्ल्यू ने आज गिरफ्तार किया है।