
रायपुर। विधानसभा मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े शासकीय दिव्यांग कालेज के संचालन में बरती जा रही उदासीनता को लेकर घिर गईं। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने इस मामले को लेकर दो टूक कहा कि यदि विभाग इसे नहीं चला सकता तो बंद कर दें।
प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने यह मामला उठाते हुए कहा कि कालेज में स्वीकृत 31 में से 1 ही पद की पूर्ति की जा सकी है। 30 पद अब तक रिक्त हैं। 23 पद प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए भरे गए हैं। मैं ऐसी किसी प्लेसमेंट कंपनी को नहीं जानता जो तबला वादक, चित्रकारी के शिक्षकों की पूर्ति करता हो। वो क्या पढ़ाते सीखाते होंगे नहीं जानता। इसके साथ साथ हर वर्ष अनुदान भी कम किया जा रहा है। 25-26 में मात्र 52 लाख ही दिया गया। यह राशि भी हर वर्ष फर्नीचर खरीदी, भोजन, पेट्रोल डीजल में खर्च हो रही है। श्री चंद्राकर ने कहा कि विभाग अगर यह कालेज नहीं चला सकते तो बंद कर दें या किसी एनजीओ को दे दें।
इस पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मैं भी आश्चर्य में हूं कि इतने लंबे समय बाद भी पद रिक्त हैं। यह तकलीफदेह है। 2017 को पद स्वीकृत किए गए। 2018 में सरकार बदल गई और उसने भी 5 वर्ष में कुछ नहीं किया। मैं भी चिंतित हूं। इस पर विधानसभा डॉ. रमन सिंह ने मंत्री से कहा कि आपको डेढ़ वर्ष से उपर हो गए हैं। आप अब क्या करेंगी यह बताएं। पीछे का विवरण न दें। इस पर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि यह प्रश्न आने के बाद मुझे जानकारी मिली। उसके बाद हमने 112 पदों की स्वीकृति ली है। अब जल्द भर्ती शुरू करेंगे। इसके बाद श्री चंद्राकर ने कालेज के बजट में कमी का कारण पूछा। इस पर मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि प्लेसमेंट कर्मी अधिक होने की वजह से खर्च कम हो रहा है। मंत्री के जवाब पर अजय चंद्राकर ने कहा कि कालेज की अव्यवस्था कब ठीक करेंगी। नहीं कर सकती हैं तो किसी एनजीओ को दे दें। दिव्यांगों के साथ मजाक नहीं होना चाहिए। इसके जवाब में मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि पद रिक्त होने से ही वेतन मद में कमी है। अब स्वीकृत किए गए हैं तो जल्द भर्ती करेंगें।