
0 फैजल रिजवी बोले- गिरफ्तारी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित
रायपुर। शराब घोटाले मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है। ईडी के मुताबिक चैतन्य की गिरफ्तारी शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा है, जहां उनसे गहन पूछताछ की जाएगी। इस कार्रवाई को लेकर ईडी के अधिवक्ता ने बताया कि चैतन्य बघेल पर अवैध लेनदेन के माध्यम से करोड़ों रुपये की हेराफेरी और एक आपराधिक सिंडिकेट को सहयोग देने का आरोप है। अब पूछताछ के दौरान इस घोटाले से जुड़े कई और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि चैतन्य बघेल पर की गई कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है।
चैतन्य बघेल ने मनी लॉन्ड्रिंग कर उठाया लाभः अधिवक्ता सौरभ पांडे
इस मामले में ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर की गई है। ईडी इस मामले में लगातार साक्ष्य एकत्र कर रही थी। इसी प्रक्रिया में कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि चैतन्य बघेल ने बहुत सारे पैसा का लेयर किया है। उन्होंने कहा कि चैतन्य बघेल ने “Proceeds of Crime” (अपराध की आय) से स्वयं को आर्थिक रूप से लाभान्वित किया है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि उन्होंने लगभग 13 करोड़ रुपए का सीधा लाभ प्राप्त किया और करीब 1000 करोड़ रुपये की अपराध की आय को इधर-उधर करने में सिंडिकेट की मदद की है।
कंपनियों और ट्रांजैक्शन का जाल
सौरभ पांडे के अनुसार, चैतन्य बघेल की दो प्रमुख कंपनियां बघेल एसोसिएट्स और बघेल बिल्डकॉन के माध्यम से यह गतिविधियां की गई। जांच में सामने आया है कि उन्होंने सहेली ज्वेलर्स और ढिल्लन सिटी मॉल लिमिटेड के साथ मिलकर साइफनिंग का तरीका अपनाया।इनका तरीका था किसी को नकद में लोन देना। फिर उस लोन को वापस न लेना और उस पर ब्याज भी न दिखाना। इसके अलावा ढिल्लन सिटी मॉल लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों के नाम पर कुछ फ्लैट बघेल बिल्डकॉन से खरीदे, परंतु जिन कर्मचारियों के नाम पर यह फ्लैट खरीदे गए थे, उनके स्टेटमेंट से स्पष्ट हुआ कि यह लेन-देन केवल कैश मनी को वैध रूप देने की प्रक्रिया थी, जो शराब घोटाले के “Proceeds of Crime” (अपराध की आय) से संबंधित था।
घोटाले में अन्य नाम शामिल
ईडी के वकील सौरभ पांडे ने आगे बताया कि पप्पू बंसल का जो स्टेटमेंट हमारे पास उपलब्ध है, उसमें बंसल ने कई ट्रांजैक्शन का खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि दीपेंद्र चावड़ा, अनवर ढेबर के जरिए विपिन चावड़ा, दीपेंद्र चावड़ा के जरिए या तो केके श्रीवास्तव या फिर रामगोपाल अग्रवाल या चैतन्य बघेल के पास उस चैनल से पैसा आता था, और जिसे भी ये डील करते थे। यह अभी तक इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है। अभी तक की जांच में लगभग 13 करोड़ के आसपास की ‘Proceeds of Crime’ (अपराध की आय) हमें बिल्कुल सही रूप से दिखाई पड़ रही है, जिससे चैतन्य बघेल लाभान्वित हुए हैं।
राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है गिरफ्तारीः फैजल रिजवी
वहीं इस मामले में चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईडी की ओर से 5 दिन की रिमांड मांगी गई है। वकील ने बताया कि आज तक चैतन्य बघेल को एक भी समन जारी नहीं किया गया है। लक्ष्मी उर्फ पप्पू बंसल के बयान को आधार मानते हुए आज चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया है। यह पूरी तरह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित गिरफ्तारी है।
