
0 रामगढ़ में कल अंतिम संस्कार किया जाएगा
0 दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में राष्ट्रपति-पीएम ने दी श्रद्धांजलि
0 झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक
नई दिल्ली/रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का सोमवार को नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। श्री सोरेन एक माह से भी अधिक समय से अस्पताल में भर्ती थे। उनका किडनी तथा हृदय संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। उन्होंने सोमवार सुबह अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। उनके निधन पर झारखंड सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम नरेंद्र मोदी ने गंगाराम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, मीसा भारती, मनोज झा और आरजेडी के कई नेताओं ने भी अस्पताल में परिवार से मुलाकात की। स्व. श्री सोरेन का पार्थिव शरीर दिल्ली से रांची लाया जा रहा है। मंगलवार को गृह जिले रामगढ़ के नेमरा गांव में दोपहर 12 बजे शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार किया जाएगा। छोटे बेटे बसंत सोरेन उन्हें मुखाग्नि देंगे। इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी शामिल होंगे।
सोरेन पिछले डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। इससे उनके शरीर के बायीं ओर पैरालिसिस हो गया था। वे पिछले एक महीने से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। वे बीते एक साल से डायलिसिस पर थे। उन्हें डायबिटीज थी और हार्ट की बायपास सर्जरी भी हो चुकी थी। बीते कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।
श्री सोरेन के पुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर उनके निधन की जानकारी देते हुए लिखा कि 'आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए है। आज मैं शून्य हो गया हूं। दिशोम गुरुजी के नाम से लोकप्रिय श्री सोरेन के निधन की खबर मिलते ही समूचे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई।
3 बार सीएम बने, सिर्फ 10 महीने सरकार चलाई
स्व. शिबू सोरेने झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन तीन बार के कार्यकाल में शिबू सोरेन को सिर्फ 10 महीना 10 दिन ही राज्य की कमान संभालने का मौका मिला। शिबू सोरेन पहली बार 2 मार्च 2005 को सिर्फ 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद शिबू सोरेन दूसरी बार 28 अगस्त 2008 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उन्हें पांच महीने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने 18 जनवरी 2009 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। फिर तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 को शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उनका कार्यकाल सिर्फ पांच महीने का रहा। उन्होंने 31 मई 2009 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
यूपीए कार्यकाल में रहे थे कोयला मंत्री
शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक थे। वह यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान कोयला मंत्री रह चुके थे। हालांकि चिरूडीह हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
13 साल में हुई थी पिता की हत्या
81 साल के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जन्म वर्तमान रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा में 11 जनवरी 1944 को हुआ था। गांव के ही स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा लिए दिशोम गुरु का जीवन संघर्षों भरा रहा है। महज 13 साल की उम्र के थे, जब उनके पिता की हत्या महाजनों ने कर दी। इसके बाद शिबू सोरेन ने पढ़ाई छोड़ दी और महाजनों के खिलाफ संघर्ष का फैसला किया।
