
0 प्रदेश सरकार ने हाफ बिल योजना में किया बदलाव
0 कांग्रेस बोली-साय सरकार ने राहत छीन ली, ये जनता से धोखा
रायपुर। प्रदेश सरकार ने हाफ बिजली बिल योजना में आम जनता को जोर का झटका दिया है। सरकार ने अब 400 यूनिट की लिमिट को खत्म कर दिया है। आम जनता को अब सिर्फ 100 यूनिट तक खपत पर ही हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलेगा। यानी अब 100 यूनिट से अधिक के खपत पर पूरा बिल देना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के समय शुरू हुई हाफ बिजली बिल योजना में साय सरकार ने बदलाव किया है। अब तक घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली खपत पर आधा बिल चुकाना पड़ता था, लेकिन 1 अगस्त 2025 से यह सीमा घटाकर 100 यूनिट कर दी गई है।
यानी अब केवल उन्हीं उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल की छूट मिलेगी, जिनकी मासिक खपत 100 यूनिट या उससे कम है। बिजली विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी संबंधित एजेंसियों को पालन करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे साय सरकार का तुगलकी फरमान बताया है।
विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में राज्य में 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार है. जिनमें से 31 लाख (70%) परिवार ऐसे है जिनकी मासिक बिजली खपत 100 यूनिट प्रतिमाह तक सीमित है, इसलिए हॉफ बिजली बिल की छूट की सीमा पुनरीक्षित होने के बाद भी ऐसे 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ता परिवारो को हॉफ बिजली योजना का पूरा लाभ पहले की तरह ही प्राप्त होता रहेगा। इस प्रकार से प्रदेश के लगभग 70 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता परिवार हॉफ बिजली योजना से पूर्ववत् लाभान्वित होते रहेंगे। इन 31 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवारों में शामिल 15 लाख बीपीएल परिवारों को भी पूर्ववत् हॉफ बिजली बिल योजना के तहत् मिल रहे लाभ जारी रहेंगे।
क्या है हाफ बिजली बिल योजना
प्रदेश में 400 यूनिट तक की खपत पर हाफ बिजली बिजली की रियायत उपभोक्ताओं को मिलती है। भूपेश बघेल की सरकार के समय 1 मार्च 2019 से उपभोक्ताओं को हाफ बिजली बिल योजना का फायदा मिल रहा है। इसे प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी जारी रखा गया। बिजली बिल के कैलकुलेशन के अनुसार 400 यूनिट तक अधिकतम 1043.90 रुपए का फायदा उपभोक्ताओं को मिल रहा था।
जुलाई में 20 पैसे प्रति यूनिट बढ़े बिजली के दाम
छत्तीसगढ़ में बिजली की कीमत में भी बढ़ोतरी की गई है। उपभोक्ताओं को अगस्त से बढ़ा हुआ बिल भी भरना पड़ेगा। बिजली नियामक आयोग ने जुलाई में नया टैरिफ जारी किया था। आयोग और बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 20 पैसे ज्यादा देना होगा। इसी तरह कॉमर्शियल के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देना होगा। अधिकारियों ने बताया कि नुकसान की भरपाई करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
अब सिर्फ 50 यूनिट बिजली के ऊपर पूरा बिल देना पड़ेगाः बघेल
हाफ बिजली बिल योजना में बदलाव पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा का मतलब है कि आप अगर 400 यूनिट बिजली उपयोग में लाते हैं तो आप बिल सिर्फ़ 200 यूनिट बिजली का ही पटाते हैं, लेकिन अब 100 यूनिट तक बिजली बिल आधा का मतलब है कि आपको सिर्फ 50 यूनिट बिजली के ऊपर पूरा बिल देना पड़ेगा। यानी अगर अब आप 400 यूनिट बिजली की खपत करेंगे तो 350 यूनिट पर पूरा बिल देना होगा।
सरकार ने जनता को झटका दियाः कांग्रेस
साय सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 'यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बिजली की राहत छीन ली है। ये सिर्फ झटका नहीं, एक गहरा धोखा है।'
सुशील ने कहा कि भूपेश सरकार के समय 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक आधा बिजली बिल देना होता था, भले ही खपत ज्यादा हो। अब भाजपा सरकार ने यह योजना बंद कर दी है। शुक्ला ने कहा कि सिर्फ 100 यूनिट तक की खपत करने वाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं को ही अब हाफ बिजली बिल की राहत मिलेगी। बाकी उपभोक्ताओं को पूरा बिजली बिल देना पड़ेगा।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में सब्सिडी जारी रहेगी
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत् केन्द्र सरकार की रु. 78,000/- के अतिरिक्त राज्य सरकार की रु. 30,000/- इस प्रकार से 3 किलोवॉट या इससे अधिक क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित करने पर अधिकतम 1 लाख 8 हजार रूपये की सब्सिडी का प्रावधान है। 2 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट की स्थापना पर 75 प्रतिशत (90 हजार राशि) का अनुदान है। 2 किलोवॉट क्षमता के प्लांट की स्थापना से प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली उत्पादित होगी जिसकी कीमत वर्तमान में देय हॉफ बिजली बिल योजनांतर्गत प्राप्त अधिकतम छुट से भी अधिक होगी। योजना के तहत् प्लांट स्थापित करने पर प्रदेश के समस्त घरेलु उपभोक्ताओं को वर्तमान में लागू हॉफ बिजली बिल योजनांतर्गत अधिकतम 400 यूनिट खपत पर मिल रही 200 यूनिट की छूट से अधिक बिजली वे स्वयं अगले 25 साल तक अपनी छत पर उत्पादित कर सकेंगें। मासिक औसत खपत 400 यूनिट तक करने वाले उपभोक्ताओं का सामन्यतः औसत बिजली बिल 1000 रूपये से अधिक होता है। योजनातंर्गत सोलर प्लांट लगाने वाले ऐसे लाभार्थी उपभोक्ताओं का बिजली बिल लगभग शून्य हो जाने से उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल योजना से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर अग्रसर होंगे। उपभोक्ता द्वारा स्वयं की छत पर उत्पादित बिजली के उपयोग के अतिरिक्त शेष बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर अतिरिक्त आय प्राप्त करेंगे। 01 कि.वा. क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित करने पर केन्द्रीय वित्तीय सहायता रु 30,000/- एवं राज्य वित्तीय सहायता रु 15,000/- है। इस प्रकार से 01 कि.वा. क्षमता के सोलर प्लांट पर कुल सब्सिडी रु 45,000/- है, जो कि अनुमानित लागत राशि का 75 प्रतिशत है।