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0 रूस ने 158 साल पहले अमेरिका को 45 करोड़ में बेचा,
0 ये राजस्थान से 5 गुना ज्यादा बड़ा
वॉशिंगटन डीसी/मॉस्को। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। इसका मकसद यूक्रेन में साढे तीन साल से चल रहे जंग को खत्म करना है।

ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात होती है तो यह पहली बार होगा जब दोनों नेता अमेरिका की जमीन पर मिलेंगे। रूस ने पहले पुतिन और ट्रम्प की मुलाकात के लिए यूएई का सुझाव दिया था। हालांकि बाद में ट्रम्प ने बैठक के लिए अलास्का को चुना।
अलास्का उत्तरी ध्रुव के नजदीक कनाडा से सटी वो जगह है जो कभी रूस का हिस्सा हुआ करती थी। 158 साल पहले रूस ने इसे अमेरिका को सिर्फ 45 करोड़ रुपए में बेच दिया था।

अलास्का के नजदीक रूसी परमाणु हथियार भंडार
अलास्का रूस से सिर्फ 88 किलोमीटर दूर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुतिन का यहां पर मिलना ज्यादा मुफीद हो सकता है। अलास्का से रूस के सबसे नजदीकी मिलिट्री बेस करीब 80 से 100 किलोमीटर की दूरी पर हैं। ये बेस रूस के चुक्चा स्वायत्त क्षेत्र में स्थित हैं, जो बेरिंग स्ट्रेट के पार है। इस क्षेत्र में रूस के कुछ एयरफोर्स बेस और सैन्य निगरानी स्टेशन हैं, जहां परमाणु हथियार भी हो सकते हैं।

राजस्थान से 5 गुना ज्यादा बड़ा अलास्का
अलास्का का क्षेत्रफल लगभग 1,717,856 वर्ग किमी है जो कि भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान (342,239 वर्ग किमी) से 5 गुना ज्यादा बड़ा है। अलास्का को कभी रूस का स्वर्ग कहा जाता था, लेकिन अब यह अमेरिका का हिस्सा है। 18वीं सदी में रूसी साम्राज्य ने यहां बसना शुरू किया और फर ट्रेड के लिए चौकियां बनाईं। 125 साल बाद 30 मार्च 1867 को रूस और अमेरिका के बीच समझौता हुआ जिसमें रूस ने अलास्का को 7.2 मिलियन डॉलर (करीब 45 करोड़ रुपए) में अमेरिका को बेच दिया।

रूसी विदेश मंत्री को अलास्का बेचने का ख्याल आया
अलास्का बेचने का विचार रूस के तत्कालीन विदेश मंत्री अलेक्जेंडर मिखाइलोविच गोर्काकोव के दिमाग में आया था। कहा जाता है कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन ने गोर्काकोव को इसे बेचने के लिए राजी किया था। इसके बाद गोर्काकोव ने रूस के जार अलेक्जेंडर द्वितीय के सामने यह प्रस्ताव रखा, जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। हालांकि रूस की जनता इस बिक्री के खिलाफ थी, लेकिन जार ने अलास्का को बेचने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए।

ब्रिटेन के कब्जा करने के डर से बेचा अलास्का
अलास्का बेचने के पीछे कई कारण थे। उस समय रूस को डर था कि अगर युद्ध हुआ तो ब्रिटेन की मदद से अमेरिका अलास्का पर कब्जा कर सकता है। उस समय रूस की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी और अलास्का उनके लिए इतना महत्वपूर्ण नहीं था। सबसे बड़ा कारण था रूस की सीमा की सुरक्षा, क्योंकि अलास्का इतना बड़ा इलाका था कि वहां बड़ी संख्या में सैनिक तैनात करना मुश्किल था।