
0 आधी रात को 6 तीव्रता का भूकंप आया
0 सोते हुए लोगों को बचने का मौका नहीं मिला
काबुल। अफ़ग़ानिस्तान के कुनार और नांगरहार सूबे में रविवार आधी रात आए विनाशकारी भूकंप में 800 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 2800 से अधिक लोग घायल हुए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6 मापी गई है। भूकंप के समय ज्यादातर लोग सो रहे थे, इस वजह से वे इमारतों के मलबे में दब गए। शहर में रातभर झटके महसूस किए गए। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
अफ़ग़ानिस्तान सरकार के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कुनार प्रांत के नर्गल ज़िले (मज़ार दारा), चौके, वातपुर, मनोगी, चापा दारा और आसपास के इलाकों में 800 लोग मारे गए हैं और 2,500 घायल हुए हैं, जबकि नंगरहार के दारा-ए-नूर ज़िले में 12 लोग मारे गए और 255 घायल हुए। इसके अलावा लघमन के अलींगर ज़िले में 58 लोग घायल हुए हैं और नूरिस्तान के नूरग्राम ज़िले में चार लोग घायल हुए हैं। पंजशीर के अबशार ज़िले में 5 घर नष्ट हो गए, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीसी) के मुताबिक भूकंप 2 लाख की आबादी वाले जलालाबाद शहर से लगभग 17 मील दूर आया। यह राजधानी काबुल से 150 किमी दूर है। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें पड़ोसी कुनार प्रांत में हुई हैं। ये भूकंप जमीन से 65 किमी नीचे आया। अल जजीरा के मुताबिक भूकंप के झटके पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत में भी महसूस हुए। वहीं, भारत के गुरुग्राम में भी हल्के झटके महसूस किए गए।
भूकंप के बाद लैंडस्लाइड से सड़कें बंद हुईं
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें पड़ोसी कुनार प्रांत में हुई हैं। सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि भूकंप से देश के कुछ पूर्वी प्रांतों में गंभीर जान-माल का नुकसान हुआ है। हालांकि उन्होंने ज्यादा डिटेल शेयर नहीं किया है। यह पहाड़ी इलाका है। इन इलाकों तक पहुंचना बेहद मुश्किल है, जिससे बचाव और राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है। यहां भूकंप के बाद लैंडस्लाइड हुई, जिससे कई सड़कें बंद हो गई। इन इलाकों में सरकार लोगों को बाहर निकालने के लिए हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही है।
2023 में 4 हजार लोग मारे गए थे
इससे पहले अफगानिस्तान में 7 अक्टूबर 2023 को विनाशकारी भूकंप आया था। तालिबान सरकार ने इस भूकंप में 4 हजार मौतों का दावा किया था, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने 1500 मौतों की पुष्टि की थी। वहीं 2022 में पूर्वी अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 1 हजार लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे।अफगानिस्तान में ताकतवर भूकंपों का इतिहास रहा है। भूकंप के लिहाज से हिंदूकुश पर्वतमाला एक्टिव माना जाती है, जहां हर साल भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान, भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच में स्थित है। ये फॉल्ट लाइन अफगानिस्तान के हेरात तक जाती है। प्लेट्स में हलचल होने पर भूकंप आता है।
पीएम मोदी ने दुख जताया है
पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में आए भूकंप पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तैयार है।
भारत ने अफगानिस्तान में 1000 तंबू और 15 टन खाद्य सामग्री भेजी
नई दिल्ली। भारत ने अफगानिस्तान में भूकंप से हुई भारी तबाही के बाद मदद का हाथ बढाते हुए तत्काल सहायता के तौर पर वहां एक हजार तंबू तथा 15 टन खाद्य सामग्री भेजी है। विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्तक़ी से बात कर भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ है। उन्होंने कहा कि भारत ने काबुल में एक हजार तंबू पहुँचाए हैं। काबुल स्थित भारतीय मिशन द्वारा कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से कल और राहत सामग्री भेजी जाएगी।
भारत से और राहत सामग्री भेजी जाएगीः जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि आज अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्तक़ी से बात की। भूकंप में हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की। भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू पहुँचाए हैं। भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी तुरंत पहुँचाई जा रही है। कल से भारत से और राहत सामग्री भेजी जाएगी। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। इस कठिन समय में भारत अफ़ग़ानिस्तान के साथ है।


