
0 तालिबान ने दुनियाभर से मदद मांगी
0 भारत ने 15 टन खाने का सामान और 1000 टेंट भेजे
काबुल। अफगानिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1411 हो गई है, जबकि घायलों का आंकड़ा 3250 से ज्यादा हो गया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक तालिबान ने इसकी जानकारी दी है।
अफगानिस्तान में जलालाबाद के पास रविवार रात 6.0 तीव्रता का भूकंप आया था। इस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे, इस वजह से वे इमारतों के मलबे में दब गए। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने दुनियाभर से मदद मांगी हैं। इसके बाद भारत ने मदद के लिए 1000 टेंट काबुल भेजे हैं। साथ ही, 15 टन खाने का सामान काबुल से कुनार भेजा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि भारत आगे भी राहत सामग्री भेजेगा। 2021 में तालिबान सरकार बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अफगानिस्तान की मानवीय सहायता रोक दी थी।
बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या'
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने बताया कि घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए इन आंकड़ों में काफी बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि भूकंप के कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं, लेकिन उन्हें पुनः खोल दिया गया है। बाकी सड़कों को भी फिर से खोल दिया जाएगा, ताकि उन क्षेत्रों तक पहुंच संभव हो सके, जहां पहुंचना कठिन था।
भूकंप से हुई भारी तबाही
अफगानिस्तान में भूकंप से भारी तबाही हुई है। भूकंप से कई मकान ढह गए। हर तरफ चीख पुकार मच गई। पूर्वी अफगानिस्तान पर्वतीय क्षेत्र है और दूरदराज के क्षेत्रों में बस्तियां हैं। भूकंप के कारण संचार व्यवस्था बिगड़ गई है। सड़कें अवरुद्ध होने के कारण सहायता कर्मियों को जीवित बचे लोगों तक पहुंचने के लिए चार-पांच घंटे पैदल चलना पड़ रहा है।हालांकि बाद में सड़कों के अवरुद्ध को हटाया गया। अफगानिस्तान में इमारतें आमतौर पर कम ऊंचाई वाली होती हैं, जो ज्यादातर कंक्रीट और ईंटों से बनी होती हैं. ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में कच्चे मकान होते हैं जो ईंटों और लकड़ी से बने होते हैं। कई मकानों की गुणवत्ता घटिया होती है। इस कारण भी भूकंप से ज्यादा तबाही मची है।

