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0 बिना हिसाब शराब की बिक्री और तबादले में हेरफेर का आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के मामले में एंटी-करप्शन ब्यूरो और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दास को 25 सितंबर तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर दिया है। इसके बाद की सुनवाई 25 सितंबर के बाद होगी।

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास उस समय राज्य के आबकारी विभाग के कमिश्नर थे। उन पर शराब घोटाले के सिंडिकेट को फायदा पहुंचाने का आरोप है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक सरकारी दुकानों में बिना हिसाब की शराब की बिक्री, अधिकारियों के तबादले में हेरफेर, टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, गलत शराब नीति लागू करना तथा इसके बदले में उन्हें करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ मिलने का आरोप है। वे इस मामले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे पूर्व आईएएस अधिकारी हैं।

2019 से 2022 के बीच का है मामला
ईडी के मुताबिक, यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ। उस दौरान छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। ईडी का दावा है कि इस दौरान 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ। इस मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। एसीबी/ईओडब्ल्यू ने 17 जनवरी 2024 को इस घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी।एफआईआर में 70 लोगों और कंपनियों के नाम शामिल हैं। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का नाम भी है। यह कार्रवाई 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के सत्ता में आने के एक महीने बाद शुरू हुई थी।