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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है एच-1बी वीजा के लिये एक लाख डॉलर वाला नया शुल्क अमेरिका में पुन: प्रवेश करने वाले मौजूदा वैध वीजा धारकों पर लागू नहीं होगा। व्हाइट हाउस ने शनिवार को इस मामले से जुड़े भ्रम और चिंताओं को दूर करने के लिये यह स्पष्टीकरण जारी किया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह शुल्क रविवार से सिर्फ नये वीजा आवेदन पर लागू होगा, नवीकरण वीजा और वर्तमान वीजा धारक इसके दायरे से बाहर रखे गये हैं। उन्होंने कहा कि एच-1बी वीजा धारक देश से बाहर जा सकते हैं और पुनः प्रवेश कर सकते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते आये हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एकमुश्त शुल्क है जो केवल नये आवेदन पर ही लागू होगा है।
गौरतलब है कि एच-1बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को अत्यधिक कुशल विदेशी श्रमिकों को नौकरी देने की अनुमति देता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये है, जिसके तहत एच-1बी आवेदकों को प्रायोजित करने के लिए कम्पनियों द्वारा दी जाने वाली फीस को बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका में उच्च कुशल प्रतिभाएं आयें।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस घोषणा के बाद माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों ने एच-1बी कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचें या नीति के प्रभावी होने से पहले अमेरिका लौट आयें।
इस नीति से विदेशी प्रतिभाओं को नियुक्त करने वाली कंपनियों की लागत में तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। शुक्रवार को श्री ट्रंप ने कहा कि कंपनियां नया शुल्क नहीं देना चाहेंगी और इससे अमेरिकी नागरिकों को नौकरी मिलने का उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकियों को नौकरी देने के लिये एक प्रोत्साहन नीति है।