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0 सेक्रेटेरिएट की नई बिल्डिंग 650 करोड़ में बनी थी

हैदराबाद। इन दिनों तेलंगाना के सबसे युवा मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (55 साल) राज्य सचिवालय की नई बिल्डिंग में नहीं बैठ रहे हैं। सीएम अपने सभी काम बंजारा हिल्स स्थित हाई सिक्योरिटी वाले तेलंगाना पुलिस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कर रहे हैं।
इसकी वजह सचिवालय की नई बिल्डिंग में मौजूद कुछ वास्तु दोष हैं। रेवंत से जुड़े एक वरिष्ठ अफसर ने भास्कर को बताया कि 650 करोड़ रुपए में बनी इस 7 मंजिला इमारत में सीएम का भव्य दफ्तर है। मंत्रियों, मुख्य सचिवों समेत शीर्ष नौकरशाहों के भी दफ्तर यहीं हैं।
नई इमारत तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के समय तैयार हुई। उन्होंने 30 अप्रैल 2023 को इसका उद्घाटन किया। लेकिन, दिसंबर में वे विधानसभा चुनाव हार गए और रेवंत सीएम बन गए। केसीआर ने भी वास्तु एक चलते ही नए सेक्रेट्रिएट का निर्माण कराया था। उनका मानना था कि पुराने सेक्रेट्रिएट की बिल्डिंग वास्तु के अनुसार नहीं बनी थीं। बतौर सीएम अपने दो कार्यकाल में वे करीब 24 बार ही पुराने सेक्रेट्रिएट आए थे। वे ज्यादातर काम अपने कैंप ऑफिस-सह-आवास प्रगति भवन से ही करते थे।

केसीआर ने एंट्री गेट पूर्व से दक्षिण-पूर्व में कराया था
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पहले इमारत का मेन एंट्रेंस गेट पहले पूर्व दिशा की ओर था, लेकिन इसे बंद करके दक्षिण-पूर्व में कर दिया गया। जबकि केसीआर शुरुआत में पूर्व से ही एंट्री करते रहे हैं, लेकिन उन्होंने बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व की एंट्री बंद करा दी थी। रेवंत के करीबी बताते हैं कि सीएम बनने के बाद से ही नई इमारत में रेवंत को बार-बार अशांति महसूस हो रही थी। जांच हुई तो वास्तु दोष पकड़ में आए। हालांकि, सीएम ने इन्हें दूर करने की बजाय पुलिस कंट्रोल रूम में बैठना ठीक समझा। जब किसी विशेष प्रतिनिधि या मेहमान से मिलना हो, तब ही नए सचिवालय में जाते हैं।

नई बिल्डिंग में केसीआर के वफादार, कैबिनेट की बातें लीक हो रही थीं
मुख्यमंत्री रेवंत के एक अन्य करीबी ने बताया कि सचिवालय में केसीआर के कई वफादार कर्मचारी आज भी हैं। शुरुआत में जब रेवंत नई बिल्डिंग में बैठे, तो कई मीटिंग्स की जानकारी लीक हुईं। साल की शुरुआत में हुए फोन टैपिंग प्रकरण ने रेवंत के शक को और पुख्ता किया। इसी के बाद रेवंत पुलिस कमांड सेंटर में धीरे-धीरे शिफ्ट होने लगे।

केसीआर ने बेटे के लिए डिजाइन कराई, पर हार गए
बीआरएस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नई सचिवालय बिल्डिंग में केसीआर अपने बेटे के.टी. रामाराव को राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में बैठाने का सपना देख चुके थे। उन्होंने ही खराब अग्नि सुरक्षा मानदंडों का हवाला देते हुए पुराने सचिवालय को करीब 70 करोड़ रुपए खर्च कर गिरवाया था। उस वक्त कोविड-19 का दौर था, राज्य गंभीर आर्थिक संकट में था, इसलिए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसे फिजूलखर्ची बताते हुए विरोध किया था। लेकिन, केसीआर तब तेलंगाना राष्ट्र समिति को राष्ट्रीय शक्ति के रूप में पुनर्गठित करने की महत्वाकांक्षा पर सवार थे।