
0 बेसिक सैलरी 18,000 से 44,000 हो सकती है
नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग को पूरी तरह लागू होने में 2028 तक का इंतजार करना पड़ सकता है। जनवरी में केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक न तो ऑफिशियल नोटिफिकेशन आया, न टर्म्स ऑफ रेफरेंस फाइनल हुए, न ही कमीशन के मेंबर्स की लिस्ट जारी हुई है। हालांकि ये 1 जनवरी 2026 से लागू होगा यानी कर्मचारियों को दो साल का एरियर मिलेगा।
नए वेतन आयोग के लागू होने का फायदा केंद्र सरकार के 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। लेवल-1 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 44 हजार हो सकती है। आयोग 2.46 फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकता है।
8वें वेतन आयोग में सैलरी कितनी बढ़ सकती है?
बेसिक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, ये फिटमेंट फैक्टर और डीए मर्जर पर निर्भर करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। 8वें में ये 2.46 हो सकता है। हर वेतन आयोग में डीए जीरो से शुरू होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नई बेसिक सैलरी पहले से ही महंगाई को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है। इसके बाद डीए फिर से धीरे-धीरे बढ़ता है। अभी डीए बेसिक पे का 55% है। डीए के हटने से टोटल सैलरी (बेसिक + डीए + एचआरए) में बढ़ोतरी थोड़ी कम दिख सकती है, क्योंकि 55% डीए का हिस्सा हट जाएगा।
8वें वेतन आयोग में 2028 तक का समय क्यों लग सकता है?
हर वेतन आयोग को सेटअप होने से लेकर लागू होने तक में आमतौर पर दो से तीन साल लग जाते हैं। अभी 2025 खत्म होने में तीन महीने बाकी हैं। अगर कमीशन जल्दी गठित भी हो गया, तो रिपोर्ट तैयार करने, सरकार की मंजूरी लेने और सब कुछ फाइनल करने में टाइम लगेगा। पिछले आयोगों को देखें तो यही पैटर्न दिखता है। 2028 तक पूरी तरह से लागू होने का मतलब यह नहीं है कि इसका फायदा भी 2028 से ही मिलेगा। वेतन आयोग हर 10 साल में आते हैं। 7वां 2016 में लागू हुआ, तो 8वें का "इफेक्टिव डेट" 1 जनवरी 2026 से तय है। मतलब, सैलरी और पेंशन की बढ़ोतरी इसी डेट से काउंट होगी।

