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0 अकलतरा में ईओडब्ल्यू की 12 सदस्यीय टीम ने दबिश दी
रायपुर/अकलतरा। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को कोयला घोटाला मामले में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में और शराब घोटाले मामले में रायपुर में दबिश दी है।  
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर के शिव विहार कॉलोनी स्थित अवधेश यादव के घर पहुंची है। अवधेश शराब कारोबार से जुड़ा हुआ है। कारोबारी के 2 ठिकानों पर टीम पहुंची है। अफसर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में ईओडब्ल्यू की 12 सदस्यीय टीम ने दबिश दी है। कोयला व्यापारी जयचंद कोसले के अंबेडकर चौक स्थित घर में रेड की कार्रवाई की गई। जानकारी के अनुसार जय चंद कोसल के पिता खनिज विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। एसीबी-ईओडब्ल्यू की एक टीम जयचंद कोसले के रायपुर स्थित घर भी पहुंची है। सेजबहार स्थित अविनाश स्मार्ट सिटी के कॉलोनी में टीम ने दबिश दी है। 2 गाड़ियों में अफसर पहुंचे हैं। जयचंद कोसले पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया का करीबी बताया जा रहा है।

2 दिन पहले शराब घोटाला केस में रिटायर्ड आईएएस अरेस्ट
2 दिन पहले ही शराब घोटाला केस में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने रिटायर्ड आईएएस निरंजन दास को गिरफ्तार किया था। पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी आयुक्त थे। निरंजन पर सिंडिकेट ऑपरेट करने में अहम रोल निभाने का आरोप है। घोटाले से उन्हें हर महीने 50 लाख मिलते थे। शुक्रवार को निरंजन दास को रायपुर की एसीबी-ईओडब्ल्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश के अनुसार निरंजन दास 25 सितंबर तक ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि रिटायर्ड आईएएस निरंजन दास ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर शराब घोटाले का सिंडिकेट खड़ा किया था।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करने, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई कराने और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब बेचने जैसी गतिविधियों से राज्य सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया।

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