
0 तीसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी, सरकार से 38 मांगे
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन जारी है। इसे रोकने के लिए सिक्योरिटी फोर्सेज ने बुधवार को निहत्थे लोगों पर फायरिंग की। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
तीन दिन जारी इन प्रदर्शनों में अब तक 10 लोग मारे जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज बाघ जिले के धीरकोट में 4 लोग मारे गए, मुजफ्फराबाद में 2 और मीरपुर में 2 मौतें हुईं। ये प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) की अपील पर हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का हुजूम आज पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद की तरफ मार्च कर रहा है। इन्होंने सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें पीओके विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग शामिल है।
सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं
पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए बनी 12 विधानसभा सीटें खत्म करने की मांग। बिजली परियोजनाओं में लोकल लोगों के फायदे को ध्यान रखा जाए। आटे और बिजली के बिलों पर छूट देने की मांग, क्योंकि महंगाई से लोग परेशान हैं।
पीओके में 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग क्यों हो रही
ये सीटें भारत-प्रशासित जम्मू-कश्मीर के शरणार्थियों या प्रवासियों के लिए आरक्षित हैं। ये लोग 1947, 1965, 1971 युद्ध या बाद के संघर्षों की वजह से भारत से पीओके चले गए थे।आरक्षित सीटों के कारण स्थानीय आबादी का प्रतिनिधित्व कम हो जाता है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि उनकी समस्याओं और जरूरतों के लिए अधिक विधायक चुने जाएं। जेकेजेएएसी का कहना है कि रिजर्व सीटें होने से कुछ ही परिवारों को फायदा मिल रहा है।
आंदोलनकारी बोले- ये प्रदर्शन मौलिक अधिकार के लिए
जेकेजेएएसी नेता शौकत नवाज मीर ने कहा कि हमारी मुहिम 70 साल से इनकार किए गए मौलिक अधिकारों के लिए है, या तो हक दो, वरना लोगों का गुस्सा झेलो। उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा और सरकारी नौकरी भी मांगी रखी है। मीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल 'प्लान ए' है। लोगों का सब्र टूट चुका है। हमारे पास बैकअप प्लान हैं और प्लान डी बहुत खतरनाक होगा।
