0 अंबिकापुर में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में होंगी शामिल
रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आएंगी। वे यहां अंबिकापुर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगी। राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियां शुरू हो गई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बाद भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाती है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में इस साल जनजातीय गौरव दिवस बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
2 दिन चलेगा कार्यक्रम
इस अवसर पर 19 और 20 नवंबर को अम्बिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में भव्य दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति रहेगी। वे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी और प्रदेश के जनजातीय समुदायों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी।
मंत्री नेताम की अध्यक्षता में हुई बैठक
कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर 3 नवंबर को नवा रायपुर में आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, संयुक्त सचिव बी.एस. राजपूत, अपर संचालक संजय गौड़, नोडल अधिकारी गायत्री नेताम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सरगुजा संभाग के सभी जिलों के सहायक आयुक्त भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए।
परंपराओं की समृद्ध झलक पेश करने क निर्देश
मंत्री नेताम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह आयोजन प्रदेश के गौरव और जनजातीय परंपराओं की समृद्ध झलक पेश करे। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी संवेदनशीलता और उत्साह के साथ तैयारी में जुटें, ताकि कार्यक्रम ऐतिहासिक बने। उन्होंने विशेष रूप से जनजातीय नृत्य, लोककला, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को आयोजन में प्रमुख स्थान देने के निर्देश दिए।
पीएम मोदी ने किया था ऐलान
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर, जमुई (बिहार) में आयोजित समारोह में उनके जन्मदिन 15 नवंबर को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में स्मारक सिक्का और डाक टिकट का भी अनावरण किया था।
कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में जुटी सरकार
अम्बिकापुर में होने वाला यह कार्यक्रम न केवल प्रदेश के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की जनजातीय अस्मिता, परंपरा और गौरव को भी राष्ट्रीय मंच पर उजागर करेगा। स्थानीय प्रशासन और जनजातीय विभाग इस आयोजन को ऐतिहासिक और यादगार बनाने में जुटे हुए हैं।