Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 सीएम साय ने की घोषणा, 42 लाख उपभोक्ताओं को राहत 
0 घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू होगी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 100 यूनिट को बढ़ाकर 200 यूनिट बिजली बिल हाफ योजना की घोषणा कर दी है। इससे लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। अब 200 यूनिट पर 800-900 रुपए तक आने वाला बिल अब 420 से 435 रुपए तक आ सकता है। 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 1 दिसंबर से नई योजना लागू होगी। योजना के तहत 400 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक हाफ बिजली का लाभ मिलेगा। 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 42 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 4 महीने पहले यानी 1 अगस्त 2025 को सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना पर बड़ा बदलाव किया था। भूपेश सरकार के समय लागू 400 यूनिट की सीमा को घटाकर 100 यूनिट कर दिया था। इस बदलाव का असर सीधे-सीधे लाखों परिवारों पर पड़ा था। बिल लगभग डबल हो गया था।

बिजली बिल हाफ योजना को ऐसे समझिए 
अगर कोई परिवार हर महीने 200 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो उसका औसत बिल अभी लगभग 840 से 870 रुपए के बीच आता है। इसमें पहले 100 यूनिट का रेट 4.10 प्रति यूनिट और अगले 100 यूनिट का रेट 4.20 प्रति यूनिट है। अब नई योजना के तहत सरकार 200 यूनिट तक हाफ बिल स्कीम लागू कर रही है। यानी उपभोक्ता को सिर्फ आधा भुगतान करना होगा। पहले 100 यूनिट का बिल 410 से 450 तक होता है, जो अब आधा होकर 205 से 225 के बीच रह जाएगा।
दूसरे 100 यूनिट (100–200) के लिए बिल 840 से 870 तक आता है, जो अब समान रहेगा, क्योंकि यह 200 यूनिट की सीमा में ही है। कुल मिलाकर 200 यूनिट पर उपभोक्ता को लगभग 420 से ₹435 की सीधी राहत मिलेगी। यानी जो उपभोक्ता पहले 1250–1300 तक का बिल देते थे, अब उन्हें सिर्फ 800–850 का ही बिल चुकाना पड़ेगा।

हाफ बिजली बिल योजना है क्या?
भूपेश सरकार ने 1 मार्च 2019 को हाफ बिजली बिल योजना शुरू की गई थी। इसका मकसद घरेलू उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देना था। योजना के तहत अगर कोई उपभोक्ता 400 यूनिट या उससे कम बिजली उपयोग करता था, तो उसे कुल बिल का सिर्फ आधा भुगतान करना होता था। इसके साथ ही अगर किसी उपभोक्ता की खपत 400 यूनिट से अधिक भी होती थी, तब भी उसे पहले 400 यूनिट पर हाफ बिजली बिल का फायदा मिलता था। इसके बाद की यूनिट पर तय दरों के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था।