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0 पटवारी से आरआई बने अधिकारियों पर एक्शन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पटवारी से आरआई बने अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। संयुक्त टीम ने तड़के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत 7 जिलों में एक साथ 20 ठिकानों पर छापा मारा। अनियमित चयन और अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें पर एक्शन हुआ है।

जानकारी के मुताबिक 2024 में पटवारी से आरआई बनने के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सरकार को मिली थी। इसके बाद से ही एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम जानकारी जुटा रही थी। सबूत पुख्ता होने के बाद रेड की कार्रवाई की गई है।

अब जानिए कहां-कहां छापेमारी ?
दरअसल, एसीबी के अधिकारियों के अनुसार रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, अंबिकापुर, महासमुंद और जगदलपुर में अलग-अलग टीमों ने सुबह ही दबिश दी। अधिकारियों के आवास, कार्यालय, निजी ठिकानों और पैतृक संपत्तियों की जांच की जा रही है। टीमों के पास डिजिटल उपकरण, बैंक विवरण, प्रॉपर्टी कागजात और संदिग्ध ट्रांजैक्शन से जुड़े दस्तावेज जब्त करने की जानकारी मिली है। जांच एजेंसी को संदेह है कि पटवारी से आरआई बनने की परीक्षा में गड़बड़ियां, फर्जी अंक, बाहरी दबाव और लाभ पहुंचाने जैसे आरोप सही साबित हो सकते हैं।

बिलासपुर में अभिषेक सिंह के घर छापा
एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने बिलासपुर में आरआई अभिषेक सिंह के निवास पर दबिश दी है। वाजपेयी कैसल स्थित निवास पहुंची है। एसीबी की टीम आरआई सहित परिजनों से पूछताछ कर रही है। दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। वर्तमान में अभिषेक सिंह सूरजपुर में पदस्थ हैं।

एसीबी की टीम ने कैश और जेवर जब्त किए
बताया जा रहा है कि अधिकारियों की संपत्ति उनकी आय के अनुपात से कहीं अधिक पाई गई है, जिस आधार पर छापेमारी की कार्रवाई तेज की गई। कुछ स्थानों से नकदी, सोने-चांदी के गहने, उच्च मूल्य की संपत्तियों के कागज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने की खबर है। हालांकि विभाग की ओर से आधिकारिक बयान छापेमारी के समापन के बाद ही जारी किया जाएगा। पूरी कार्रवाई की अब तक अधिकृत पुष्टि एसीबी-ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने नहीं की है।

2024 में सिलेक्शन पर सवाल उठाए थे
बता दें कि 7 जनवरी 2024 को हुई इस परीक्षा में 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया था। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ था। हालांकि बाद में सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ था। इसके बावजूद 22 लोगों का सिलेक्शन कर लिया गया। इस पर जांच कमेटी ने सवाल उठाए हैं, लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया था। इसी को लेकर एसीबी की टीम ने छापेमारी की है।

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