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0 रूसी राष्ट्रपति ने कहा-अमेरिका खुद हमसे न्यूक्लियर फ्यूल खरीद रहा और दूसरों को ज्ञान देता है
मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को ग्रेट पावर बताते हुए कहा है कि पीएम मोदी किसी दबाव में नहीं आते हैं। उन्होंने यह बात मॉस्को में इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कही। पुतिन ने पीएम मोदी की लीडरशिप, भारत-रूस संबंधों, ग्लोबल पॉलिटिक्स और अमेरिका की नीतियों पर खुलकर बात की। पुतिन ने कहा कि मोदी दबाव में आने वाले नेताओं में से नहीं हैं और भारत एक महान ताकत के तौर पर दुनिया में उभर रहा है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका भारत पर टैरिफ लगाकर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, तो पुतिन ने साफ कहा कि भारत अपनी इंडिपेंडेंट पॉलिसी पर चलता है। अमेरिका पर तंज कसते हुए पुतिन ने कहा कि वॉशिंगटन हमसे न्यूक्लियर एनर्जी खरीदता है और फिर ज्ञान देने की कोशिश करता है। भारत को रूस से तेल खरीदने पर दोषी ठहराने की कोशिश करता है। यह साफ तौर पर दोहरा रवैया है, जिसे अब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं समझ रही हैं।

भारत आने को लेकर एक्साइटेड हूं
पुतिन ने यह भी कहा कि उन्हें पीएम मोदी से मिलने का इंतजार है और वे भारत यात्रा को लेकर बेहद एक्साइटेड हैं। इससे पहले दोनों नेताओं ने 1 सितंबर को चीन के तियानजिन में एससीओ समिट के दौरान मुलाकात की थी। पुतिन ने एससीओ समिट का जिक्र करते हुए कहा कि वे और पीएम मोदी एक ही कार में साथ बैठे थे और यह उनका खुद का सुझाव था। उन्होंने बताया कि कार रुकने के बाद भी दोनों नेताओं ने काफी समय तक बातचीत की। पुतिन ने कहा कि यह पहले से प्लान नहीं था। हम बाहर निकले, मेरी कार वहीं थी, और मैंने कहा कि हम साथ में चलें। यह कोई बहुत बड़ा प्लान नहीं था, हम बस दोस्तों की तरह कार में बैठ गए। हमने पूरे ड्राइव के दौरान बात की, हमेशा कुछ न कुछ बात होती है। हम बाद में काफी देर तक कार के अंदर भी बैठे रहे। पुतिन ने कहा कि इसमें किसी तरह का औपचारिकता नहीं थी, बल्कि दो मित्र देशों के नेताओं के बीच की बातचीत थी।

ग्लोबल ऑर्डर में भारत की भूमिका बेहद खास  
भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर पुतिन ने कहा कि देश की 7.7% की ग्रोथ रेट अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है और यह पीएम मोदी की लीडरशिप का रिजल्ट है। भारत इस पर गर्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 77 सालों में भारत ने जिस तेजी से विकास किया है, वह पूरी दुनिया को प्रेरणा देता है। हमेशा कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कहते हैं कि चीजें बेहतर की जा सकती थीं, लेकिन नतीजे खुद बोलते हैं। पुतिन ने यह भी बताया कि भारत और रूस के बीच होने वाले 90% व्यापारिक लेनदेन कामयाबी से पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल ऑर्डर अब एक मल्टी पोलर ढांचे की ओर बढ़ रही है, जिसमें भारत जैसी शक्तियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी।

मैं पीछे मुड़कर देखने में भरोसा नहीं करता
अपनी भारत यात्रा के दौरान होने वाले समझौतों पर बात करते हुए पुतिन ने बताया दोनों देशों में कई बड़े करार होने जा रहे हैं। इनमें स्पेस, सैटेलाइट तकनीक, न्यूक्लियर एनर्जी, एविएशन, न्यूक्लियर सबमरीन टेक्नीक, डिफेंस इंडस्ट्री और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे सेक्टर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये तकनीक भविष्य के रिश्तों और आर्थिक सहयोग का आधार बनेंगी। पुतिन से जब पूछा गया कि क्या उन्हें अपने 25 साल के शासन में किसी बात का पछतावा है, तो उन्होंने कहा कि मैं कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता और हमेशा आगे बढ़ने में भरोसा रखता हूं।