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0 भिलाई, छिंदवाड़ा और बेंगलुरु की एफआईआर में भी गिरफ्तारी
0 मां के कार्यक्रम के लिए नहीं मिली जमानत
रायपुर। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल को कोर्ट ने 19 दिसंबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। बघेल के खिलाफ भिलाई, छिंदवाड़ा और बेंगलुरु में दर्ज एफआईआर की कॉपियां कोर्ट में पहुंच चुकी थीं। कोर्ट की अनुमति मिलते ही पुलिस ने इन तीनों मामलों में भी औपचारिक रूप से गिरफ्तारी बघेल की गिरफ्तारी की है।

बचाव पक्ष ने कोर्ट में अंतरिम जमानत की अर्जी लगाई थी। अमित बघेल अपनी माता के निधन के बाद होने वाले मृत्यु कार्यक्रम (8 से 15 दिसंबर) में शामिल होना चाहते थे, लेकिन कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि अभी की स्थिति में जमानत नहीं दी जा सकती। इसके अलावा अमित बघेल पर भिलाई, छिंदवाड़ा और बेंगलुरु इन तीनों जगहों पर भी एफआईआर हुई थी। इन तीनों जगहों से FIR की कॉपी आई थी। अदालत से अनुमति लेकर आज पुलिस ने इन तीनों मामलों में भी गिरफ्तारी की औपचारिक कार्रवाई पूरी की है।

दूसरे पक्ष ने कहा कि बघेल को जमानत देना ठीक नहीं, पहले भी एफआईआर दर्ज हुई है
अग्रवाल समाज की ओर से 6 बिन्दुओं पर बघेल की जमानत याचिका खारिज करने की अपील की गई थी। आपत्तिकर्ता अशोक कुमार अग्रवाल ने कोर्ट में कहा है कि, आरोपी (अमित बघेल) ने जमानत मांगी है, लेकिन उनके खिलाफ दर्ज अपराध को देखते हुए जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

1 एफआईआर और गिरफ्तारी की स्थिति
रायपुर कोतवाली में 2023 में दर्ज एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब वही आरोपी जमानत मांग रहा है, लेकिन आपत्तिकर्ता का कहना है कि यह जमानत आवेदन खारिज होना चाहिए।

2. राजनीतिक और प्रभावशाली व्यक्ति होने का आरोप

आरोपी अमित बघेल एक राजनीतिक और रसूखदार व्यक्ति है। उसने हाल ही में छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति तोड़ने की घटना को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया। उसने अग्रवाल समाज और उनके आराध्य देवताओं के खिलाफ अपमानजनक बातें कही, जिससे समाज में तनाव बढ़ा।

3. भड़काऊ बयान और सांप्रदायिक उकसाव
आरोपी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि अगर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति टूट सकती है तो अन्य नेताओं की क्यों नहीं? उसने अग्रसेन कौन है? लबरा या चोर” जैसे शब्द कहे। लोगों को मूर्तियां तोड़ने, हिंसा करने, विरोध करने और तलवार–बंदूक उठाने जैसी बातें कहकर भीड़ को भड़काया। उसने धमकी दी कि देखना है कि वे छत्तीसगढ़ में कैसे जिंदा रहते हैं। ऐसा कर आरोपी ने समाज में दुश्मनी, नफरत और हिंसा भड़काने का सीधा प्रयास किया।

4. वीडियो वायरल कर भीड़ को भड़काना
आरोपी ने अपने भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाए। इससे एक समुदाय के लोगों की जान को खतरा पैदा हुआ। यदि जमानत मिली तो आरोपी फिर से समाज में तनाव फैलाने का प्रयास कर सकता है।

5. आरोपी का आपराधिक इतिहास
आरोपी के खिलाफ छिंदवाड़ा और उल्हासनगर में भी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हैं।इससे यह संकेत मिलता है कि आरोपी आदतन अपराधी है।

7. सुप्रीम कोर्ट ने भी राहत नहीं दी
आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी (डब्ल्यूपी 488/2025), लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर 2025 को याचिका खारिज कर दी, यानी आरोपी को कोई राहत नहीं मिली। 

11 दिसंबर को फिर लगाई जाएगी जमानत याचिका
बचाव पक्ष के वकील एन के ठाकुर ने बताया कि 11 दिसंबर को दोबारा जमानत याचिका दायर की जाएगी, ताकि एक–दो दिन की राहत मिल सके और बघेल अपनी मां के मृत्यु संस्कार कार्यक्रम में शामिल हो सकें।

 

 

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