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0 जमीन की नई गाइडलाइन दरों में बदलाव तत्काल प्रभाव से हो गए लागू

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों पर सरकार ने सोमवार को एक बार फिर कई संशोधन किए हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसी बीच संशोधित गाइडलाइन को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बदले गए नियमों की जानकारी साझा की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी, प्रदेश क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी भी मौजूद रहे।

मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश में गाइडलाइन दरों एवं उपबंधों के पुनरीक्षण पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रदेश में गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और प्रस्तावों पर परीक्षण किया गया। इतने ज़्यादा बदलाव होते हैं तो कुछ ऊपर-नीचे हो जाता है। इसे सुधारने के लिए सरकार है और सुधार कर रही है। व्यापक परीक्षण करने के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के नगरीय विकास, रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि 15000 फीट अनिवार्यता को समाप्त किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त किया गया। अब फिर से पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान और कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटा दिया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।

उन्होंने ने आगे बताया कि केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान भी लागू किए हैं। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इस निर्णय से मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान मिलने में मदद मिलेगी।

मंत्री चौधरी ने कहा कि कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए 25 प्रतिशत कमी के साथ भूखंड की दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति के आधार पर अधिक न्यायसंगत मूल्यांकन संभव होगा।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को यह भी निर्देशित किया है कि हाल ही में दरों में वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा। इन सभी निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है, जिससे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।

दो साल की गिनाईं उपलब्धियां
इसके साथ ही मंत्री ओपी चौधरी ने सरकार के दो साल की उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि 9 हजार से ज़्यादा कंडिकाएं थीं, जिनमें से 50 प्रतिशत खत्म की गई हैं। बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक जिलों से और रिपोर्ट मांगी गई थी।