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0 प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति की बैठक हुई
0 बैठक में 12 प्रकरणों की सुनवाई की गई
0 पहली बार विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से दिया गया सुनवाई का अवसर

रायपुर। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता में शुक्रवार को उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति की महत्वपूर्ण बैठक आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष, नवा रायपुर में संपन्न हुई। आज बैठक की विशेषता यह रही कि एक ही दिन में कुल 22 प्रकरणों की सुनवाई एवं समीक्षा की गई। इसके साथ ही समिति द्वारा पहली बार पक्षकार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया। समिति की इस पहल से प्रक्रिया को और अधिक सुगम, पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाने में मदद मिलेगी।

    बैठक में 12 प्रकरणों की सुनवाई की गई। इनमें जाति जांच प्रकरण से संबंधित 10 प्रकरणों में पक्षकार समिति के समक्ष उपस्थित हुए। एक प्रकरण में पक्षकार अंबिकापुर, सरगुजा से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से शामिल हुआ एवं अपना पक्ष रखा, वहीं एक प्रकरण में पक्षकार अनुपस्थित रहा।   इसके अतिरिक्त समिति के समक्ष 10 प्रकरण विचारार्थ प्रस्तुत किए गए। इस प्रकार एक ही दिन में समिति ने कुल 22 प्रकरणों की सुनवाई एवं समीक्षा करते हुए 05 प्रकरणों की सुनवाई पूर्ण कर आदेश जारी करने के निर्देश दिए, जबकि 17 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र धारकों को सुनवाई का एक और अंतिम अवसर प्रदान करते हुए आगामी बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।

    विदित हो समिति द्वारा लगातार बैठक आयोजित कर जाति प्रमाण पत्र एवं सामाजिक प्रस्थिति से संबंधी प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय से संबद्ध प्रकरणों पर भी नियमानुसारं पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से सुनवाई कर प्रकरणों का शीघ्र निपटारा किया जा रहा है। आज की बैठक में बड़ी संख्या में पक्षकार एवं अधिवक्ता अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु उपस्थित हुए।

    बैठक में आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास डॉ. सारांश मित्तर (सदस्य), संचालक, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान हिना अनिमेष नेताम (सदस्य सचिव), संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय ऋतुराज रघुवंशी (सदस्य) उपस्थित थे, वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संचालक, भू-अभिलेख  विनीत नंदनवार (सदस्य) भी जुड़े हुए थे। इसके अलावा संयुक्त संचालक, टीआरटीआई गायत्री नेताम (प्रभारी अधिकारी, जाति जांच प्रकोष्ठ),  रमा उइके (सदस्य), डॉ. अनिल विरूलकर (सदस्य) सहित जाति जाँच प्रकोष्ठ के जितेन्द्र गुप्ता, अंजनी भगत, ईश्वर साहू एवं सुमन बंजारे उपस्थित थे।

    उल्लेखनीय है कि माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में दिये गये मार्गदर्शी निर्देश एवं छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत कुल 07 सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति का गठन किया गया है। समिति अर्द्ध न्यायिक स्वरूप में कार्य करते हुए निष्पक्ष एवं समयबद्ध निर्णय सुनिश्चित कर रही है।