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0 सौम्या को मिले 115 करोड़, सिंडिकेट ने कमाए 2500 करोड़
0 पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास भी गिरफ्तार
रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पीएमएलए कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। वहीं ईडी ने पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को भी अरेस्ट किया है।

ईडी ने शुक्रवार को निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड पर कोर्ट में पेश किया। पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से कोर्ट लेकर पहुंची। ईडी अब निरंजन दास की कस्टोडियल रिमांड की मांग करेगी। एजेंसी का कहना है कि मामले में गहन पूछताछ जरूरी है, क्योंकि सौम्या से पूछताछ के दौरान कई अहम तथ्य सामने आए हैं। वहीं ईडी ने पप्पू बंसल उर्फ लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, तांत्रिक केके श्रीवास्तव और कारोबारी अनवर ढेबर के होटल मैनेजर दीपेन चावड़ा के बयान के आधार पर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। ईडी को सौम्या, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर-चैतन्य बघेल के बीच हुई चैट्स में कई अहम सबूत भी मिले हैं।
ईडी के मुताबिक एलीबी/ईओडब्ल्यू  ने आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर दर्ज की है। इसी आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान हुआ। 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई (पीओसी) हुई।
ईडी की जांच में पता चला कि सौम्या चौरसिया को लगभग 115.5 करोड़ रुपए की पीओसी मिली थी। इसके अलावा, डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त सामग्री और लिखित बयानों के रूप में इकट्ठा किए गए। सबूतों से यह साबित होता है कि सौम्या चौरसिया शराब सिंडिकेट की एक सक्रिय मेंबर थीं।
एजेंसी के मुताबिक डिजिटल सबूत अनिल टुटेजा और चैतन्य बघेल सहित सिंडिकेट के प्रमुख सदस्यों के बीच केंद्रीय समन्वयकर्ता और मध्यस्थ के रूप में उनकी भूमिका की पुष्टि करते हैं, जिससे अवैध धन के उत्पादन और लॉन्ड्रिंग में सुविधा हुई। बरामद चैट से सिंडिकेट के शुरुआती संगठन में उनकी संलिप्तता का पता चला।
इसमें अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास को आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर रखने में मदद करना शामिल है। इससे पहले, अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस); अरविंद सिंह; त्रिलोक सिंह ढिल्लो, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी, कवासी लखमा, चैतन्य बघेल को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। आगे की जांच जारी है।

ढाई साल जेल में रह चुकी है सौम्या
ईडी ने इससे पहले 2 दिसंबर 2022 को सौम्या चौरसिया को कोल लेवी घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में वे करीब ढाई साल जेल में रही और पिछले 6 महीने से वे सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर थीं। वही 6 महीने बाद ईडी ने शराब घोटाले में दूसरी बार गिरफ्तार किया है।
बता दें कि सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाले में ईडी और ईओडब्ल्यू (केंद्र व राज्य एजेंसियां) ने पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थीं। इसके अलावा, डीएमएफ घोटाले में भी ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार किया था। 49 करोड़ रुपए से अधिक आय के मामले में भी ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की। यानी सौम्या अब तक चार घोटालों में जेल जा चुकी हैं और 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है।