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श्याम सुंदर भाटिया , सीनियर जर्नलिस्ट और रिसर्च स्कॉलर
 
पांच लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों और शिल्पकारों को रोजगार के मौके देने वाले हुनर हाट के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। यह बात दीगर है, कोरोना की काली छाया के चलते छह महीने हुनर हाट पर भी ग्रहण लगा। रफ्ता-रफ्ता अब केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से आयोजित यह हुनर हाट देशभर में स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों के रंग फिर से बिखेरने लगे हैं।
 
बकौल केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी-  देश का हर क्षेत्र लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपड़े, कागज़, मिटटी के खिलौने बनाने वाले हुनर के उस्तादों से भरपूर है। इनके इस शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्किट मुहैया कराने के लिए हुनर हाट बड़ा प्लेटफार्म है। श्री नकवी मानते हैं, हुनर हाट अब स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का प्रामाणिक ब्रांड बन गया है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी इस हुनर हाट के कायल हैं। दिल्ली में इंडिया गेट के पास आयोजित हुनर हाट में प्रधानमंत्री औचक पहुंच कर सभी को अचंभित कर दिया था। करीब 50 मिनट हुनर हाट में रुके प्रधानमंत्री न केवल इन हुनरमंदों से मिले बल्कि लिट्टी-चोखा का स्वाद चखा बल्कि कुल्हड़ की चाय की चुस्की भी ली। हुनर हाट के मेजबान श्री नकवी ने खुद ही प्रधानमंत्री को कुल्हड़ में चाय पेश करके भारतीय संस्कृति का बेमिसाल उदाहरण पेश किया। कहते हैं ना, अतिथि देवो भव…।
 
प्रधानमंत्री ने हौसला अफजाई के लिए बाक़ायदा लिट्टी-चोखा के 120 और दो कुल्हड़ चाय के लिए 40 रुपए का भुगतान भी किया। फरवरी में आयोजित इस हुनर हाट की थीम कौशल को काम थी। इस दफा हुनर हाट श्री नकवी की सियासी कर्मभूमि रामपुर में लग रहा है, जिसकी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। हुनर हाट में 27 सूबों से हुनर के उस्ताद शिरकत कर रहे हैं। इस 10 दिनी हुनर हाट का शंखनाद 18 दिसंबर को होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी  बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। 24वां हुनर हाट लखनऊ के शिल्पग्राम में 23 जनवरी से लगेगा। हुनर हाट के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग के संग-संग मास्क सभी के लिए अनिवार्य होगा। यदि भूल-चूक से कोई मास्क लगाकर नहीं आया तो उसे हाट की तरफ से फ्री मास्क उपलब्ध कराया जाएगा। हुनर हाट में जगह-जगह सेनिटाईज़ेशन का पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। श्री नकवी अंतिम तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। 
 
हुनर हाट लोकल के लिए वोकल के संकल्प के साथ देश के दस्तकारों और शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत मिशन को बेहद मजबूती  दे रहा है। श्री नकवी मानते हैं, दस्तकारों का शानदार स्वदेशी उत्पाद ही हुनर हाट की लोकल शान और ग्लोबल पहचान है। देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के आह्वान ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है।
 
सच्चाई यह है, हुनर हाट प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के संकल्प को साकार करने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। सच्चाई यह है, क्षेत्र लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिट्टी के मनमोहक उत्पाद बनाने वाले हुनर के उस्तादों के लिए हुनर हाट वरदान बन गया है। ये हुनर के हाट न केवल दुर्लभ हस्तनिर्मित सामान लोकप्रिय हुए हैं, बल्कि विभिन्न राज्यों के पारंपरिक और लजीज व्यंजनों का लोग लुत्फ़ लेते हैं। इसके संग-संग पारंपरिक नृत्य, संगीत, लोकगीत, कव्वाली और कल्चर प्रोग्राम भी आकर्षण के मुख्य केंद्र होते हैं। हुनर हाट में प्रदर्शित सामान को ऑनलाइन खरीदने की भी सुविधा दी जा रही है। यह हुनर हाट ई-प्लेटफॉर्म और वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी है। http://hunarhaat.org पर भी कारीगरों के उत्पाद प्रदर्शनी और बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। 
 
अब तक 22 में से सर्वाधिक 9 हुनर हाट दिल्ली, मुंबई में 3 के अलावा लखनऊ, प्रयागराज, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर, रांची, हैदराबाद, पुड्डुचेरी में एक-एक हुनर हाट लग चुके हैं। रामपुर के बाद लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़, इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, दिल्ली, रांची, कोटा, सूरत, कोच्चि में भी हुनर हाट लगाने की योजना है।  प्रधानमंत्री के अलावा उपराष्ट्रपति श्री वैंकया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह, रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल, कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, सुचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावेड़कर, कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, यूपी के सीएम श्री योगी आदित्य नाथ, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम श्री देवेन्द्र फडणवीस, पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल श्रीमती किरण बेदी, मुख्यमंत्री श्री नारायण स्वामी सरीखी हस्तियां इन हुनर प्रदर्शनियों में समय-समय पर अपनी गरिमाई उपस्तिथि दर्ज करा चुकी हैं।
 
मन की बात कार्यक्रम में तो प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हुनर हाट के स्वदेशी उत्पादनों और दस्तकारों के काम की सराहना करते हुए कहा था, मैंने दिल्ली के हुनर हाट में एक छोटी सी जगह में, हमारे देश की विशालता, संस्कृति, परम्पराओं, खानपान और जज्बातों की विविधताओं के दर्शन किए। समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक, वाकई अनोखी ही थी और इनके पीछे, शिल्पकारों की साधना, लगन और अपने हुनर के प्रति प्रेम की कहानियाँ भी बहुत ही प्रेरणादायक होती हैं। पीएम श्री मोदी ने कहा था, हुनर हाट कला के प्रदर्शन के लिए एक मंच तो है ही, साथ-ही-साथ, यह लोगों के सपनों को भी पंख दे रहा है। एक जगह है जहां इस देश की विविधता को अनदेखा करना असंभव ही है। शिल्पकला तो है ही, साथ-साथ हमारे खान-पान की विविधता भी है। वहां एक ही लाइन में इडली-डोसा, छोले-भटूरे, दाल-बाटी, खमन-खांडवी, ना जाने क्या-क्या था. मैंने, खुद भी वहां बिहार के स्वादिष्ट लिट्टी-चोखे का आनन्द लिया, भरपूर आनंद लिया।  भारत के हर हिस्से में ऐसे मेले, प्रदर्शिनियों का आयोजन होता रहता है। भारत को जानने के लिए, भारत को अनुभव के लिए, जब भी मौका मिले, जरुर जाना चाहिए, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत' को जी-भर जीने का यह अवसर बन जाता है। आप ना सिर्फ देश की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि आप देश के मेहनती कारीगरों की, विशेषकर, महिलाओं की समृद्धि में भी अपना योगदान दे सकेंगे। 
 
श्री नकवी ने बताया, कोरोना के चलते देशव्यापी लॉकडाउन में मिले समय का सदुपयोग कर दस्तकारों और कारीगरों ने बड़ी तादाद में अपने हस्तनिर्मित दुर्लभ स्वदेशी सामग्री को तैयार किया है, जिसे ये दस्तकार हुनर हाट में लाएंगे। उन्होंने यह भी बताया, विभिन्न निर्यात कौंसिल्स दस्तकारों और शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय मार्किट मुहैया कराने हेतु रुचि दिखा रही हैं, जिससे इन दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादों को बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय मार्किट मिल सकेगा। उन्होंने आगे कहा, हुनर हाट में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, सेनिटाईज़ेशन, मास्क आदि की विशेष व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही जान भी जहान भी पवेलियन होगा, जहां लोगों को पैनिक नहीं प्रीकॉशन की थीम पर जागरूकता पैदा करने वाली जानकारी भी दी जाएगी। उम्मीद है, रामपुर के हुनर हाट से इन सैकड़ों शिल्पकारों की उम्मीदों और पंख मिलेंगे।