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न्यूयॉर्क। रूस और यूक्रेन युद्ध को बेशक ढाई महीनों से भी ज्यादा हो गए हों और अब पूरी दुनिया में इसे लेकर अब वो कौतूहल न रहा हो, लेकिन संयुक्त राष्ट्र लगातार इस कोशिश में है कि दोनों देशों के बीच शांति कायम हो। इसी कोशिश के तहत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की से मुलाकात की और शांति की अपील की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव का मानना है कि दुनिया का भलाई के लिए युद्ध को तत्काल रोका जाना चाहिए।

गुटेरेस ने कीव और मास्को के अपने दौरे से लौटकर बताया कि पुतिन और ज़ेलेन्स्की से बातचीत के दौरान उन्होंने बिना किसी लागलपेट के अपनी बात सामने रखी और क्रूर टकराव को रोके जाने की जरूरत बताई। उन्होंने यूक्रेन पर रूसी हमले को यूएन चार्टर का उल्लंघन बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से मुलाक़ात के दौरान, उन्होंने घेराबन्दी वाले इलाक़ों को मानव कल्याण के लिये सुलभ बनाने और सुरक्षित निकासी की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया था।

इसमें सबसे पहले मारियुपोल समेत अन्य इलाक़ों का उल्लेख किया गया, जहां ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट में भूमिगत स्थलों पर पिछले कई हफ़्तों से बड़ी संख्या में आम जनता रहने के लिये मजबूर है। रूस ने इसपर सैद्धांतिक सहमति भी जताई।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस के नेतृत्व में 29 अप्रैल से एक जटिल मानवीय अभियान संचालित किया जा रहा है और यह कुछ हद तक सफल भी रहा है। अब तक दो सुरक्षित निकासी काफ़िलों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। पहले चरण में 101 आम नागरिकों को मारियुपोल से सुरक्षित उत्तरी इलाक़े में ले जाया गया, जबकि दूसरा चरण बुधवार रात पूरा हुआ, जिसमें 320 से अधिक लोग सुरक्षित स्थान तक पहुंचे हैं। तीसरा अभियान अभी जारी है।  

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन प्रमुख ने अफसोस जताते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर नागरिक प्रतिष्ठान की बर्बादी हुई है और एक करोड़ 30 लाख यूक्रेनी नागरिक अपना घर छोड़कर जाने के लिये मजबूर हुए हैं। सड़कों पर बड़ी मात्रा में विस्फोटक आयुध बिखरे हुए हैं, जिससे आमलोगों के लिए खतरा बरकरार है।