0 चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हो सकती है मुलाकात
रियो डी जनेरियो/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में सोमवार सुबह ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे। यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने संस्कृत मंत्रों से उनका स्वागत किया।
समिट दो दिन 18 और 19 नवंबर तक चलेगी। इस इकोनॉमिक संगठन में 19 देश और 2 संगठन (यूरोपियन यूनियन और अफ्रीकन यूनियन) शामिल हैं। पिछली बार जी-20 समिट का आयोजन भारत में हुआ था।
इससे पहले मोदी दो दिन के लिए नाइजीरिया दौरे पर थे। वहां उन्हें सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' से नवाजा गया। मोदी, ब्राजील के बाद गुयाना का दौरा करेंगे।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो पहुंच गया। मैं शिखर सम्मेलन के विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं के साथ सार्थक बातचीत की आशा करता हूं।
श्री मोदी के आगमन पर ब्राजील में भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्म जोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय समुदाय के गर्मजोशी भरे और जीवंत स्वागत से मैं बहुत प्रभावित हुआ। उनकी ऊर्जा उस स्नेह को दर्शाती है जो हमें सभी महाद्वीपों से जोड़ता है।
भारतीय समुदाय के लोगों ने श्री मोदी का स्वागत संस्कृत में मंत्रोच्चार साथ किया। श्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा विश्व नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। श्री मोदी सम्मेलन में विभिन्न ज्वलंत और वैश्विक मुद्दों पर भारत का रुख रखेंगे। पिछले वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन का भारत की अध्यक्षता में राजधानी दिल्ली में आयोजन किया गया था।
एक महीने में दूसरी बार मिल सकते हैं मोदी-जिनपिंग
जी-20 समिट के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी रियो पहुंचे हैं। यहां सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत होने की संभावना है। अगर ब्राजील में मोदी और जिनपिंग मिलते है तो ये दोनों नेताओं की एक महीने के अंदर दूसरी मुलाकात होगी। इससे पहले 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स समिट में दोनों नेता पांच साल बाद मिले थे। यहां उनके बीच 50 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान PM मोदी ने कहा था कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके बाद भारत और चीन ने देपसांग और डेमचोक से सेनाएं बुला ली थीं। 2020 में भारत-चीन सीमा पर हुई गलवान झड़प के बाद से 2024 ब्रिक्स समिट तक दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय मुलाकात नहीं हुई थी।