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काबूल। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत को रविवार को नौ महीने पूरे हो गए। इससे पहले महिलाओं को लेकर उसका एक फरमान चर्चा में है। इसके मुताबिक, महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनना जरूरी है। फरमान न मानने वाले के लिए सजा भी तय कर दी गई है। सात मई को जारी इस फरमान को लेकर अफगानिस्तान की आजाद ख्यालात महिलाओं में आक्रोश है। महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं का हुजूम सड़कों पर भी उतरा, लेकिन उन्हें गोलियों से भून डालने की धमकी देकर वापस लौटा दिया गया। तालिबानी हुकूमत का महिलाओं के लिए यह कोई पहला प्रतिबंध नहीं है। इसके पहले भी कई तरह के प्रतिबंध लागू हो चुके हैं। इए हम आपको बताते हैं कि तालिबान में महिलाओं और खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं के साथ तालिबानी कैसा बर्ताव करते हैं? पहले जान लीजिए तालिबानी सरकार ने क्या फरमान जारी किया? तालिबानी सरकार के फरमान के मुताबिक, महिलाएं घर से बिना बुर्का पहने नहीं निकल सकती हैं। अगर वह इस आदेश को नहीं मानेंगी तो उसके पिता या पुरुष रिश्तेदार को सजा दी जाएगी। उन्हें कैद किया जा सकता है। अगर महिला नौकरी करती है तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। अफगानी महिलाओं ने क्या कहा? इस आदेश के आने के बाद बीबीसी ने अफगानी महिलाओं से बातचीत की। इसमें महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई। सोरैया नाम की एक महिला ने कहा, 'ये मेरे दिल को तोड़ने वाली बात है। जब मैं सड़कों पर निकलती हूं तो लोग मुझे बुर्का पहनकर बाहर निकलने की नसीहत देते हैं। यहां तक की एक दर्जी ने भी कहा कि बात करने से पहले अपना चेहरा ढक लो।' सोरैया काबुल में एक छोटा सा व्यापार करती हैं। आगे वह कहती हैं, '1990 से भी बुरे हालात हो गए हैं। महिलाओं का कोई अधिकार नहीं बचा है। तालिबानी महिलाओं के कपड़ों की दुकान पर आते हैं। वह जांच-पड़ताल करते हैं कि दुकानदार किस तरह के कपड़े बेच रहा है? कपड़ों का साइज क्या है? दर्जियों को हुक्म दिया गया है कि महिलाओं के कपड़े हर हालत में बड़े होने चाहिए। जिसमें महिला के शरीर का कोई अंग न दिख सके।' एक चैनल से बातचीत करते हुए नाजिया रोने लगती हैं। कहती हैं, 'अफगानी महिलाएं सदी के सबसे कठिन दौर से गुजर रहीं हैं। हम लोगों को कई तरह की प्रताड़नाएं झेलनी पड़ रही है। ऐसा लग रहा है कि अफगानिस्तान में महिला होना अपराध है।' तालिबानी हुकुमत के फरमान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक अन्य महिला ने कहा, 'तालिबान द्वारा हमें कठोर व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने हमसे कहा कि अगर हम एक कदम आगे बढ़ते हैं, तो वे हम पर 30 राउंड फायर करेंगे।' महिलाओं के साथ कैसा सलूक करते हैं तालिबानी? अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ की रहने वाली अरफा ने तालिबानियों के टॉर्चर की दास्तां बताई। एक टीवी को दिए इंटरव्यू में अरफा ने बताया कि तालिबानी लड़ाके लड़कियों को उठा ले जाते हैं। जबरन शादी करते हैं। रेप करने के बाद छोड़ देते हैं। अगर कोई इसके खिलाफ कुछ बोलता तो उसे गोली मार देते हैं। काबुल की रहने वाली मरियम कहती हैं, 'पिछले आठ महीने में तालिबान ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया, सिवाय प्रतिबंध लगाने के।' महिलाओं पर किस-किस तरह के लगे प्रतिबंध? 72 किलोमीटर से दूर जाने पर महिलाओं के साथ उनका करीबी रिश्तेदार होना जरूरी है। अगर कोई रिश्तेदार नहीं है तो महिला अकेले नहीं जा सकती है। कई तरह की सरकारी नौकरियों में महिलाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बच्चियां हिजाब के बगैर स्कूल नहीं जा सकती हैं। लड़के और लड़कियों की पढ़ाई एक ही कॉलेज में नहीं होगी। लड़कियां कॉफी शॉप में नहीं जा सकती हैं। महिलाओं को खेल में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध है।