वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई। वकीलों की हड़ताल के चलते अब केस पर कल यानी गुरुवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट भी दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
हिंदू पक्ष की दो मांग
इससे पहले, हिंदू पक्ष के दो वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन मीडिया के सामने आए। उन्होंने दो नई मांगों का जिक्र किया। हरिशंकर जैन ने कहा, "जहां शिवलिंग मिला है, उसके नीचे तहखाने का सर्वे कराया जाना चाहिए। सामने की दीवार को साफ करके अच्छे तरीके से वीडियोग्राफी होनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारे इस प्रार्थना पत्र पर तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाएगा।"
विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को दूसरा पक्ष फव्वारा कह रहा है। अगर ऐसा है तो वह फव्वारा चलाकर दिखा दें। फव्वारा है तो वहां वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम भी होगा। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को जांच पर ऐतराज क्यों है? उन्होंने यह भी दावा किया कि नंदी महाराज के सामने से व्यासजी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। कोर्ट से वहां खुदाई कराने की मांग की गई है।
पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा से ही तैयार कराई जाए सर्वे रिपोर्ट
हिंदू पक्ष के एक वादी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट द्वारा कार्यमुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा से सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। वादी ने कहा, "6 और 7 मई को ज्ञानवापी के सर्वे की कार्रवाई उन्हीं के द्वारा सम्पन्न की गई थी। अजय कुमार मिश्रा का सहयोग लिए बगैर रिपोर्ट अधूरी रहेगी।"
बता दें कि अजय मिश्रा पर मुस्लिम पक्ष ने ऐतराज जताते हुए उनको हटाने की मांग की थी। हालांकि तब कोर्ट ने उनको नहीं हटाया था। बाद में सर्वे की जानकारी लीक करने के मामले में कोर्ट ने उनको हटा दिया था।
इन दो प्रार्थना-पत्र में आज कोर्ट में होनी थी सुनवाई
पहली एप्लिकेशन: कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी करने की मांग।
दूसरी एप्लिकेशन: सील होने के बाद की समस्या दूर की जाएं।
सुबह वकील हड़ताल पर चले गए, विरोध प्रदर्शन किया
दरअसल, प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल की ओर से राज्य के सभी DM को एक पत्र भेजा गया है। वकीलों का आरोप है- पत्र में विशेष सचिव ने जैसा लिखा है, उससे लगता है कि उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। वकीलों ने विशेष सचिव का लेटर जलाकर नारेबाजी की। वकीलों के विरोध के बाद विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने प्रदेश के सभी डीएम को एक नया लेटर जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने 14 मई के पत्र को निरस्त करने की बात कही है।