नैपिता। चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर (सीपैक) के तहत ग्वादर पोर्ट पर चीनी नौसेना पहले से ही अरब सागर में भारत के काफी करीब है। अब इसी तर्ज पर चीन-म्यांमार इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीमैक) के जरिये चीन हिंद महासागर में ठिकाना बनाने जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हिंद महासागर और अरब सागर में आर्थिक व सामरिक हितों की रक्षा के लिए भारत को चीन की तुलना में नौसैन्य मजबूती बढ़ानी होगी।
म्यांमार के रक्षा विशेषज्ञ यान नाइंग के मुताबिक, बीआरआई के तहत म्यांमार में चीनी सीमैक से हिंद महासागर में भारत के व्यापारिक व सामरिक हित दांव पर हैं, क्योंकि इसकी मदद से चीन की सेना और नौसेना बंगाल की खाड़ी में पहुंच जाएगी। सीमैक के तहत चीन के यूनान प्रांत से पश्चिमी म्यांमार में हिंद महासागर के तट पर बने क्युकफ्यू बंदरगाह तक चीन बुनियादी ढांचा परियोजनाएं बना रहा है।
जाहिर है, आखिर में वह यहां ग्वादर की तर्ज पर सैन्य अड्डा भी बनाएगा। भले ही भारत-अमेरिका यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर अलग-अलग रुख रखते हों, लेकिन हिंद महासागर में चीन के दबदबे को बढ़ने से रोकना दोनों के हित में है।