0 शीर्ष अदालत ने कहा- नमाज जारी रहेगी, साथ ही शिवलिंग के दावे वाली जगह सुरक्षित रखें
नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को तीसरी बार बैठी। तीन जजों की बेंच ने केस वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया। यानी अब मामले की सुनवाई बनारस के जिला जज करेंगे।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने 51 मिनट चली सुनवाई में साफ शब्दों में कहा कि मामला हमारे पास जरूर है लेकिन पहले इसे वाराणसी जिला कोर्ट में सुना जाए। कोर्ट ने कहा कि जिला जज 8 हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करेंगे। तब तक 17 मई की सुनवाई के दौरान दिए गए निर्देश जारी रहेंगे।
बता दें कि 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तीन बड़ी बातें कही थीं। पहला- शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित किया जाए। दूसरा- मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से न रोका जाए। तीसरा- सिर्फ 20 लोगों के नमाज पढ़ने वाला ऑर्डर अब लागू नहीं। यानी ये तीनों निर्देश अगले 8 हफ्तों तक लागू रहेंगे। इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। कोर्ट ने इतना कहने के बाद मामले में आगे की सुनवाई वाराणसी जिला कोर्ट के हवाले कर दी।
कोर्ट ने कहा- सभी के हित सुनिश्चित किए जाएंगे
कोर्ट ने कहा कि मामला जिला जज के पास भेजा जाए। उनके पास 25 साल का लंबा अनुभव है। इस मामले में सभी पक्षों के हित को सुनिश्चित किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह न समझा जाए कि हम मामले को निरस्त कर रहे हैं। आपके लिए आगे भी हमारे रास्ते खुले रहेंगे।
रिपोर्ट लीक कर माहौल बिगाड़ने की साजिश
मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि रिपोर्ट लीक कर माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।इस पर कोर्ट ने सख्त ऐतराज जताया और यह निर्देश दिया कि इस पर रोक लगाई जाए।
कोर्ट में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की दलील
कोर्ट में हिंदू पक्षकार की ओर से सीनियर वकील वैद्यनाथन और मुस्लिम पक्ष की ओर से मस्जिद कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने दलीलें पेश कीं। पढ़िए क्या-क्या कहा दोनों वकीलों ने
1. कमीशन की रिपोर्ट पर
हिंदू पक्ष ने कहा कि कमीशन की रिपोर्ट आ गई है। पहले उसे देखा जाए। इसके बाद ही फैसले पर विचार हो। मुस्लिम पक्ष ने जवाब में कहा कि सर्वे को लेकर जो भी निर्देश दिए गए हैं, वो अवैध है। इसलिए इसे निरस्त किया जाए। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि 15 अगस्त 1947 के समय ज्ञानवापी विवादित नहीं था। ऐसे में इस पर कोई भी फैसला नहीं दिया जाना चाहिए।
2. लोअर कोर्ट के फैसले पर
मुस्लिम पक्ष ने लोअर कोर्ट के फैसले को भी अवैध बताया। वहीं हिंदू पक्ष ने कहा कि पहले रिपोर्ट देख लीजिए। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में एक नैरेटिव तैयार किया जा रहा है। इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा। इसे सिर्फ एक केस न मानें, देश में बड़ा प्रभाव डालेगा।
3. मस्जिद में नमाज पर
मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मस्जिद के भीतर नमाज पढ़ने में दिक्कत हो रही है। अंदर के एरिया को सील कर दिया गया है। इसपर भी ध्यान दिया जाए। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हम आपके सामने अयोध्या मामले में जो फैसला आया था, उसका उदाहरण देना चाहते हैं।