कोलंबो। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई देश मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इन देश में सबसे अधिक योगदान जिस देश का है वह है भारत। भारत, श्रीलंका को अनाज से लेकर दवाइयां तक मुहैया करवा रहा है। वहीं इस मुश्किल घड़ी में दी गई मदद के लिए श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ट्वीट कर भारत का आभार जताया है। विक्रमसिंघे ने सिलसिलेवार दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि मैंने भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत की और मैंने इस कठिन अवधि के दौरान भारत द्वारा दिए गए समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की आशा करता हूं।
भारत और जापान का आभारी
वहीं विक्रमसिंघे ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मैं क्वाड सदस्यों (संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के लिए एक विदेशी सहायता संघ की स्थापना में नेतृत्व करने के लिए किए गए प्रस्ताव पर भारत और जापान से सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूं।
भारत की श्रीलंका को मदद, पहुंचाईं 25 टन जरूरी दवाइयां
भारत ने आर्थिक संकट के कारण जरूरी दवाइयों की कमी से जूझ रहे श्रीलंका को 25 टन दवाइयां सौंपीं। इनकी कीमत 26 करोड़ श्रीलंकाई रुपये है। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। कार्यवाहक उच्चायुक्त विनोद के जैकब ने श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवाला को कोलंबो में यह खेप सौंपी।
श्रीलंकाई मछुआरों के लिए केरोसिन की मदद
आईएनएस घड़ियाल पर मानवीय मदद के तौर पर श्रीलंकाई मछुआरों के लिए भारत की तरफ से केरोसिन भी लाया गया है। अन्य सामान जल्द ही लाभार्थियों को वितरित किया जाएगा। पिछले माह भारत ने श्रीलंका के लिए उधारी सीमा 50 करोड़ डॉलर बढ़ा दी थी, क्योंकि द्वीपीय देश के पास तेल आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा नहीं थी।
दो महीने बाद शुरू हुआ देश की एकमात्र रिफाइनरी में काम
दो महीने से अधिक समय से बंद पड़ी श्रीलंका की एकमात्र रिफाइनरी में शुक्रवार को काम शुरू हो गया और इससे रूसी कच्चा तेल मिलना भी शुरू हो गया। सपूगस्कांदा तेल रिफाइनरी पांच दशक से भी अधिक पुरानी है। इसकी क्षमता 50 हजार बैरल प्रति दिन है। आजाद होने के बाद से सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा यह द्वीपीय देश इस चुनौती से निपटने की कोशिश कर रहा है।