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इस्लामाबाद। टेरर फंडिंग के मामले में 25 मई को कोर्ट ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यासीन को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद से उसकी पत्नी मुशाल हुसैन मलिक सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। पाकिस्तानी नागरिक मुशाल लगातार भारत के खिलाफ लिख रही है। मुशाल को भारतीय यूजर्स करारा जवाब दे रहे हैं। जानिए मुशाल ने यासीन की सजा पर क्या टिप्पणी की और भारतीय यूजर्स ने कैसे जवाब दिया? 
 
यासीन की सजा पर मुशाल ने क्या कहा? 
सजा का एलान होने के चंद घंटे बाद मुशाल ने पहला ट्विट किया। लिखा, 'हम कभी हार नहीं मानेंगे और न ही हारेंगे! यासीन मलिक धरती का बेटा है। सभी कश्मीरी और पाकिस्तानी  #ReleaseYasinMalik चिल्लाएंगे। भारतीयों से कभी भी जिंदगी की भीख नहीं मांगेंगे और न ही आत्मसमर्पण करेंगे। आजादी के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष जारी रहेगा।' 

इस पर भारतीय यूजर्स ने करारा जवाब दिया। जम्मू कश्मीर के रहने वाले राजेश रैना लिखते हैं, 'यासीन मलिक आतंकवादी और खूनी है। जल्द उसे फांसी मिलेगी।' मोहित भाटी लिखते हैं, 'एक आतंकवादी को उसके कुकर्मों की सजा हिंदुस्तान के कानून ने दी है तो इतना दर्द हो रहा है। ह्यूमन राइट्स याद आ गया। 1947 के समय पाकिस्तान में लगभग 17 परसेंट हिंदू थे जो कि अब सिर्फ दो या तीन पर्सेंट रह गए है। उनके लिए ह्यूमन राइट्स क्यों नहीं याद आता।' 

सैफरॉन रूल्स नाम के यूजर ने लिखा, 'अभी तो टेरर फंडिंग में सजा मिली है। अभी तो कई कत्ल के मामले में मुकदमा चलेगा और उसे फांसी की सजा होगी। बीच चौराहे पर ऐसे लोगो को फांसी दे देनी चाहिए।' 

ललित जोशी लिखते हैं, 'उम्र कैद नहीं ऐसे दरिंदो को तो बीच चौराहे पे गोली मारी जानी चाहिए। यासीन मलिक जैसे आतंकवादियों के समर्थकों को इतना तो समझना चाहिए कि इमरान खान क्यों दुखी है? शर्म करो तुम जो लोग भी जो यासीन मलिक का समर्थन करते हो। तुम जैसे लोगों की वजह से आज भारत में मुस्लिम धर्म बदनाम हो रहा है।' 

मुशाल ने फिर क्या कहा?
मुशाल अगले दिन ह्यूमन राइट कमिशन को टैग करते हुए लिखती है, 'यासीन मलिक का केस हर स्तर पर लड़ा जाएगा। हम न झुकेंगे और न छोड़ेंगे। यासीन के पीछे पूरा पाकिस्तान है। मैं कश्मीरी लोगों से अपना संघर्ष जारी रखने की अपील करती हूं और उनसे यासीन मलिक के लिए आवाज उठाने का आग्रह करती हूं।' 

इसका जवाब देते हुए भाविक गांधी नाम के यूजर लिखते हैं, 'उसकी किस्मत अब लिखी जा चुकी है। पाकिस्तान को पहले आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश करनी चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि सरकार कौन चलाएगा।' 

नावेद अख्तर लिखते हैं, 'यासीन जैसे लोगों को फांसी से कम कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए।' सप्तर्षि लिखते हैं, बांग्लादेश गया, अब बलूचिस्तान की बारी है। तुषार लिखते हैं, अब पाकिस्तान भी बिकने वाला है। पहले उसे संभालो।' 
 
किस मामले में दोषी ठहराया गया है यासीन मलिक? 
यासीन मलिक के खिलाफ 2017 में एनआईए ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया था। इसके बाद से पटियाला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही थी। कोर्ट में एनआईए ने सारे सबूत पेश किए। बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया। 

एनआईए ने यासीन पर लगे एक-एक आरोप के लिए सबूत पेश किए। इसके बाद यासीन मलिक को अपने गुनाह कबूल करने पड़े। 19 मई को कोर्ट ने यासीन को दोषी ठहराया था। 25 मई को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, एनआईए ने यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की थी। 
 
मुशाल कौन है? 
यासीन मलिक की पत्नी मुशाल का जन्म पाकिस्तान के कराची में 1986 में हुआ था। वहीं, यासीन मलिक का जन्म तीन अप्रैल 1966 में हुआ है। मतलब यासीन से मुशाल 20 साल छोटी है। मुशाल के पिता एमए हुसैन पाकिस्तान के जाने माने अर्थशास्त्री थे। मुशाल की मां रेहाना पाकिस्तानी मुस्लिम लीग की नेता रही हैं। मुशाल का भाई अमेरिका में विदेश नीति का विश्लेषक है।