काठमांडो। खराब मौसम के बीच नेपाल की सेना ने सोमवार सुबह मुस्तांग जिले में लापता विमान का मलबा खोज निकाला। इस विमान पर चार भारतीय नागरिकों समेत कुल 22 लोग सवार थे। उधर, नेपाली मीडिया ने कहा कि बचाव दल ने विमान के मलबे से 14 शव निकाल लिए हैं। पुलिस के अनुसार शवों की हालत इतनी खराब है कि उनकी पहचान मुश्किल है।
नेपाल की 'तारा एयर' के ट्विन ऑटर 9एन-एईटी विमान ने रविवार सुबह पोखरा से सुबह 09.55 बजे उड़ान भरी थी। नेपाल के पुलिस इंस्पेक्टर राज कुमार तमांग के नेतृत्व में एक टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। तमांग ने बताया कि कुछ शवों की पहचान मुश्किल है। नेपाली सेना ने सोमवार सुबह वह जगह ढूंढ निकाली, जहां यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सेना के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा राहत और बचाव दल ने विमान के दुर्घटना स्थल का पता लगा लिया है। तारा एयर का 9 एनएईटी डबल इंजिन विमान रविवार को पहाड़ी जिले में लापता होने के कुछ घंटे बाद मुस्तांग जिले के कोवांग गांव में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
हवाईअड्डा अधिकारियों ने बताया कि विमान का संपर्क मुस्तांग के लेटे इलाके में पहुंचने के बाद टूट गया था। जिला पुलिस कार्यालय के डीएसपी राम कुमार दानी ने एएनआई को बताया कि टिटी के स्थानीय लोगों ने हमें फोन किया और बताया कि एक असामान्य आवाज सुनी है जैसे कि कोई धमाका हुआ हो।
लामचे नदी के किनारे दुर्घटनाग्रस्त हुआ
स्थानीय लोगों द्वारा नेपाल सेना को दी गई जानकारी के अनुसार तारा एयर का यह विमान लामचे नदी के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने कहा कि कल बर्फबारी के कारण रोके जाने के बाद तलाशी अभियान फिर से शुरू किया गया है। रविवार को मुस्तांग जिले में बर्फबारी होने के कारण विमान को तलाशने में जुटे सभी हेलिकॉप्टरों को वापस बुला लिया गया था।
पायलट कैप्टन के फोन को ट्रैक किया
खास बात यह है कि विमान की लोकेशन का पता विमान के पायलट के फोन को ट्रैक करके लगाया गया है। नेपाल टेलीकॉम ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नेटवर्क के जरिए पायलट कैप्टन प्रभाकर घिमिरे के फोन को ट्रैक किया था।
चार भारतीय थे विमान पर सवार
एयरलाइन के एक प्रवक्ता सुदर्शन बारतुला ने कहा कि लापता विमान पर चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिक सवार थे। इनके अलावा तीन नेपाली क्रू मेंबर भी विमान में थे। चार भारतीय नागरिकों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, ऋतिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में हुई है। इस विमान को जोमसोम एयरपोर्ट पर सुबह 10.15 बजे पहुंचना था।