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नई दिल्ली। पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच लाहौर की एक जिला अदालत ने शनिवार को संबंधित अधिकारियों को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके बेटे और पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। 

कई मंत्रियों पर भी मामला दर्ज
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 'आजादी मार्च' के दौरान इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं को घायल करने और उन्हें प्रताड़ित करने के लिए कई मंत्रियों पर मामला दर्ज किया गया है। 

पाकिस्तान के दैनिक 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इससे पहले एक अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने भाटी गेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह, सीपीपीओ लाहौर और डीआईजी (संचालन) समेत आठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ 400 अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ वकीलों पर हमला करने और उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद जा रहे थे। 

लॉन्ग मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज 
याचिकाकर्ता वकील अफजल अजीम ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पीटीआई समर्थकों को प्रताड़ित किया और उन्हें पार्टी के लॉन्ग मार्च में शामिल होने से रोकने के लिए लाठियों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, यह एक 'गंभीर अपराध' था जिसमें कानून लागू करने वालों ने उनके विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार के तहत प्रदर्शन करने वाले नागरिकों को प्रताड़ित किया। 

याचिकाकर्ता ने दी थी ये दलील
लॉन्ग मार्च हिंसा के लिए शहबाज सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए वकील अजीम ने अपनी याचिका में दलील दी कि पुलिस के आला अधिकारियों ने 'प्रधानमंत्री, प्रांतीय मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की मर्जी पर' यह अपराध किया है। 

इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं पर बर्बरता के आरोपों में इस्लामाबाद के कई पुलिस स्टेशनों में 14 मामले दर्ज किए गए थे। आजादी मार्च को शांतिपूर्ण बताते हुए अपदस्थ नेता ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अत्यधिक बल प्रयोग करके, आंसू गैस, लाठीचार्ज, फायरिंग, गोलीबारी, रबर की गोलियों और बंदूक से रासायनिक गोले का इस्तेमाल किया जिसने लोगों के मौलिक अधिकारों को छिन्न-भिन्न कर दिया है।