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नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पैदा हुआ विवाद 14 देशों तक फैल गया है। अब अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान ने भी बयान की निंदा करते हुए भारत को कट्टरपंथ पर प्रवचन दिया है। 

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह ऐसे कट्टरपंथियों को इस्लाम के अपमान और मुस्लिमों को भड़काने की इजाजत न दे। मुजाहिद ने कहा कि इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान भारत में सत्तारूढ़ दल के एक पदाधिकारी द्वारा इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल का कड़ा विरोध करता है। 

नुपुर शर्मा की टिप्पणी की अब तक तक 14 देशों ने निंदा की है। इनमें मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बहरीन शामिल हैं। 

विवादित बयान के बाद भाजपा ने रविवार को नुपुर शर्मा को पार्टी से छह साल के निलंबित कर दिया। पार्टी ने अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी निष्कासित किया है। इन नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणियों के कारण कुछ मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शनों के कारण विवाद बढ़ गया था।

दिल्ली पुलिस ने दी नुपुर शर्मा को सुरक्षा
इधर, दिल्ली पुलिस ने नुपुर शर्मा और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाई है। पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के बाद से ही नुपुर को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, जिसके खिलाफ उन्होंने थाने में शिकायत करते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसी एफआईआर के आधार पर पुलिस ने उन्हें व उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई है। दिल्ली पुलिस ने अधिकारी ने बताया कि नुपुर शर्मा ने लगातार मिल रही धमकियों के बारे में शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

विवाद के बाद मांगी माफी
दरअसल करीब 10 दिनों पहले एक टीवी डिबेट के दौरान नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए विवादित बयान और जिंदल द्वारा डिलीट की गईं ट्वीट्स के बाद ट्विटर पर विवाद बढ़ गया था। विरोध कर रहे देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की बात होने लगी थी। पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद नुपुर ने अपना विवादित बयान वापस लिया था। उन्होंने दावा किया था कि भगवान शिव के लगातार मजाक उड़ाए जाने और उनका अपमान होता देख उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया दे डाली थी। नुपुर ने स्पष्ट कहा था कि अगर उनके बयान से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों तो वह क्षमा मांगती हैं।